नई दिल्ली: महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने (ब्रेक्जिट) को दुनिया के लिये सुनामी की चेतावनी की बात बढ़ा चढ़ाकर कही जा रही है। इस मामले में शांत रहने की जरूरत है। ब्रेक्जिट के एक दिन बाद महिंद्रा ने ट्विटर पर लिखा, ब्रेक्जिट दुनिया के लिये सुनामी की चेतावनी है जो मुझे लगता है कि यह अतिशयोक्ति है। दुनिया को इस मामले में शांति रखने की जरूरत है।
महिंद्रा का मानना है कि ब्रेक्जिट के बाद होने वाली वार्तायें साझा बाजारों तथा यात्राओं के लिये अधिक व्यवहारिक वैश्विक आदर्श हेतु एक अवसर है। उद्योग जगत ने आगाह किया कि भारत प्रभावों से इनकार नहीं कर सकता है। जनमत संग्रह ने गंभीर अनिश्तताओं का पिटारा खोल दिया है और भारतीय कंपनियां खासकर आईटी क्षेत्र से जुड़ी फर्मों को क्षेत्र के लिये अपनी रणनीति फिर से तैयार करनी होगी। उन्होंने यह भी अनुमान जताया कि भारतीय कंपनियों को अपना परिचालन ब्रिटेन से अन्य यूरोपीय देशों में करना पड़ सकता है। हालांकि, महिंद्रा समूह ने कहा कि भारत तथा भारतीय उद्योग पर प्रभाव अधिक नहीं होगा। समूह ने यह भी कहा कि महिंद्रा एंड महिंद्रा पर इसका प्रभाव नहीं होगा।
समूह के मुख्य वित्त अधिकारी वी. एस. पार्थसारथी ने कल एक बयान में कहा, भारत और भारतीय उद्योगों पर इसका (ब्रेक्जिट) प्रभाव बहुत ज्यादा नहीं होगा। महिंद्रा एंड महिंद्रा पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा। एक समूह के तौर पर हमारा लचीलापन हमें बेहतर स्थिति में रखेगा और हम आने वाले वाले किसी भी अवसर का लाभ उठाने को तैयार हैं।
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