नई दिल्ली। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) चालू वित्त वर्ष में नए दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने और मौजूदा इकाइयों की क्षमता बढ़ाने पर 600 से 800 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। कंपनी के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
जीसीएमएमएफ अमूल ब्रांड नाम से अपने डेयरी उत्पाद बेचती है। बीते वित्त वर्ष 2018-19 में जीसीएमएमएफ का कारोबार 13 प्रतिशत बढ़कर 33,150 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। सोढ़ी ने कहा कि कंपनी का कारोबार चालू वित्त वर्ष में 20 प्रतिशत बढ़कर 40,000 करोड़ रुपए पर पहुंचने की उम्मीद है। सोढ़ी ने कहा कि हम इस वित्त वर्ष में क्षमता विस्तार पर 600 से 800 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे।
उन्होंने कहा कि कंपनी दिल्ली-एनसीआर के आसपास के क्षेत्रों में नए संयंत्र लगाना चाहती है। कारोबार के बारे में सोढ़ी ने कहा कि बीते वित्त वर्ष में बिक्री बढ़ने की वजह से कंपनी की आमदनी बढ़ी और कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। हालांकि, चालू वित्त वर्ष में हम मात्रा और मूल्य दोनों में कारोबार वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।
अमूल ने हाल में दिल्ली-एनसीआर, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में दूध के दाम में दो रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की है। इससे पहले कंपनी ने मार्च, 2017 में दूध के दाम बढ़ाए थे। अमूल फेडरेशन के 18 सदस्य यूनियनों ने गुजरात के 18,700 गांवों के 36 लाख से अधिक किसान सदस्यों के साथ प्रतिदिन औसतन 230 लाख लीटर दूध की खरीद की।
अमूल की सदस्य यूनियनों ने वर्तमान में 350 लाख लीटर प्रतिदिन की दूध प्रोसेसिंग क्षमता को अगले दो सालों में बढ़ाकर 380-400 लाख लीटर प्रतिदिन करने की योजना बनाई है।
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