अहमदाबाद। अमूल (Amul) ब्रांड के तहत डेयरी उत्पादों की बिक्री करने वाली गुजरात मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) ने शनिवार को आइसक्रीम पर बने अपने नए टीवी विज्ञापन का बचाव किया है। उसने कहा है कि हिंदुस्तान यूनीलिवर उस पर दबाव बनाने और डराने का प्रयास कर रही है। एफएमसीजी प्रमुख हिंदुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड (HUL) ने अमूल के टीवी विज्ञापन के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अमूल के इस विज्ञापन में ग्राहकों से फ्रोजन डेजर्ट नहीं बल्कि अमूल आइसक्रीम खरीदने के लिए कहा जा रहा है। इसमें कह गया है कि फ्रोजन डेजर्ट वेजीटेबल ऑयल से बनाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
GCMMF के मैनेजिंग डायरेक्टर आरएस सोढ़ी ने कहा कि एचयूएल की याचिका केवल एक स्टंट है। एचयूएल, जो फ्रोजन डेजर्ट का निर्माण करती है, ने हमारे नए टीवी विज्ञापन को चुनौती दी है जिसका मकसद ग्राहकों को आइसक्रीम और फ्रोजन डेजर्ट के बीच अंतर बताना है। फ्रोजन डेजर्ट का निर्माण वेजीटेबल ऑयल से किया जाता है, जबकि आइसक्रीम का निर्माण मिल्क फैट से होता है।
एफएसएसएआई ने भी वेजीटेबल ऑयल से निर्मित आइसक्रीम को फ्रोजन डेजर्ट की श्रेणी में रखा है। सोढ़ी ने कहा कि एफएसएसएआई ने भी अमूल को ग्राहकों को अपने प्रोडक्ट के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है और मुझे नहीं लगता कि हम इसमें कुछ गलत कर रहे हैं।
इस साल अमूल का लक्ष्य आइसक्रीम मार्केट में 1000-1100 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल करने का है। वित्त वर्ष 2016-17 में अमूल को 27,000 करोड़ रुपए के कारोबार की उम्मीद है, जो पिछले साल के कुल कारोबार से तकरीबन 18 प्रतिशत अधिक है। आगे आने वाले वर्षों में कंपनी विस्तार की भी योजना बना रही है। सोढ़ी ने कहा कि अगले दो सालों में कंपनी अपनी विस्तार योजनाओं पर तकरीबन 2000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
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