नई दिल्ली: फ्यूचर-रिलायंस सौदे में दिल्ली उच्च न्यायालय की खंड पीठ के आदेश को चुनौती देने के लिये अमेजन ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। डिवीजन बेंच ने किशोर बियाणी के नेतृत्व वाले फ्यूचर समूह के रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ हुये 24,713 करोड़ रुपये के सौदे में आगे कदम बढ़ाने पर लगाई गई रोक को समाप्त कर दिया था। अमेजन ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 22 मार्च के आदेश को स्थगित करने के लिये उच्चतम नयायालय में याचिका दायर की हे। अमेजन ने पीठ के इस आदेश को ‘‘अवैध’’, ‘‘बिना सोचे समझे’’, ‘‘अन्यायपूर्ण और अनुचित’’ बताया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने 22 मार्च के अपने आदेश में फ्यूचर समूह को रिलायंस के साथ सौदे में आगे बढ़ाने पर एकल न्यायधीश द्वारा लगाई गई रोक के आदेश से राहत दे दी थी। एकल न्यायधीश की पीठ ने 18 मार्च को इस सौदे में आगे कदम बढ़ाने पर रोक लगाई थी। अमेजन ने अब मामले में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और शीर्ष अदालत से सौदे से जुड़ी उसकी पहले की याचिका में अंतिम निर्णय आने तक कोई भी कदम बढ़ाने पर रोक लगने का आग्रह किया है।
अमेजन की इस याचिका की प्रति को पीटीआई- भाषा ने देखा है। इसमें अमेजन ने शीर्ष अदालत से यह भी आग्रह किया है कि वह मौजूदा मामले में तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुये जो भी उचित समझे इस तरह का कोई अन्य आदेश भी पारित कर सकती है। इस संबंध में ई- मेल पर भेजे गये सवालों पर अमेजन और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने कोई जवाब नहीं दिया।
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