नई दिल्ली। हवाई यातायात प्रबंधन गतिविधियों में कार्यबल की कमी को दूर करने के लिए निजी कंपनियों को हवाई यातायात नियंत्रण अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। एयर नैविगेशन सर्विसेज (एएनएस) सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अंतर्गत आता है और पिछले कुछ समय से हवाई यातायात नियंत्रकों की कमी है। उद्योग मंडल एसोचैम तथा परामर्श कंपनी केपीएमजी द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष हवाई यातायात नियंत्रण अधिकारियों (एटीसीओ) की संख्या बढ़कर 2,600 हो गई लेकिन ऐसे 1,500 लोगों की कमी है।
रिपोर्ट में कर्मचारियों की कमी चिंता का विषय बताते हुए मौजूदा एटीसीओ प्रशिक्षिण सुविधाओं की क्षमता बढ़ाने तथा निजी इकाइयों को प्रशिक्षण गतिविधियां शुरू करने की अनुमति देने का सुझाव दिया गया है। इसमें कहा गया है कि नागर विमानन मंत्रालय निजी कंपनियों को एटीसीओ गठित करने की अनुमति देने के विकल्प पर विचार कर सकता है। साथ ही यह भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की पर्याप्त निगरानी पर निर्भर करेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, इसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) में शुरू किया जा सकता है और उसके बाद दीर्घकाल में इसे पूरी तरह निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया जाए। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय एटीसी प्रशिक्षण संस्थानों के साथ भागीदारी की संभावना भी तलाशी जी सकती है। फिलहाल इलाहबाद तथा हैदराबाद हवाईअड्डे पर नागर विमानन प्रशिक्षण कॉलेज में एटीसी प्रशिक्षण सुविधा है। कुछ समय पहले एएआई के लिए अमेरिका स्थित वाशिंगटन कंसल्टेंसी ग्रुप ने अनुमान जताया था कि एटीसीओ की जरूरत 2020 तक 3,599 होगी।
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