नई दिल्ली। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है। हड़ताल का आह्वान केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ किया गया है। भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की घोषणा की है। एआईबीईए ने मंगलवार को बयान में कहा, ‘‘लोकसभा ने हाल में संपन्न सत्र में तीन नए श्रम कानूनों को पारित किया है और कारोबार सुगमता के नाम पर 27 मौजूदा कानूनों को समाप्त कर दिया है। ये कानून शुद्ध रूप से कॉरपोरेट जगत के हित में हैं। इस प्रक्रिया में 75 प्रतिशत श्रमिकों को श्रम कानूनों के दायरे से बाहर कर दिया गया है। नए कानूनों में इन श्रमिकों को किसी तरह का संरक्षण नहीं मिलेगा।’’
एआईबीईए भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक को छोड़कर ज्यादातर बैंकों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके सदस्यों में विभिन्न सार्वजनिक और पुराने निजी क्षेत्र के बैंकों तथा कुछ विदेशी बैंकों के चार लाख कर्मचारी हैं। बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, पुरानी पीढ़ी के निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा विदेशी बैंकों के करीब 30,000 कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे।
देश की 10 ट्रेड यूनियन ने केंद्र सरकार के द्वारा श्रम और कृषि क्षेत्र को लेकर लिए जा रहे फैसलों के विरोध में 26 नवंबर को हड़ताल बुलाई है। हाल ही में सरकार ने श्रम सुधार और कृषि सुधार के नाम पर कई अहम फैसले लिए हैं। एक अनुमान के मुताबिक बैंक संघ के हड़ताल में शामिल होने के फैसले से 21 हजार शाखाओं पर असर देखने को मिल सकता है।
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