A
Hindi News पैसा बिज़नेस Budget 2020: सभी की निगाहें निर्मला सीतारमण के दूसरे आम बजट पर टिकी, आयकर में राहत की है उम्‍मीद

Budget 2020: सभी की निगाहें निर्मला सीतारमण के दूसरे आम बजट पर टिकी, आयकर में राहत की है उम्‍मीद

विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्री को आयकर स्लैब में बदलाव करना चाहिए। पिछले कई सालों से इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।

All eyes on Sitharaman's second Budget for tax relief- India TV Paisa All eyes on Sitharaman's second Budget for tax relief

नई दिल्‍ली। आयकर में राहत पाने के लिए आम करदाता की नजरें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दूसरे आम बजट पर टिकी हैं। लेकिन आर्थिक क्षेत्र में छाई सुस्ती और कंपनी कर में की गई भारी कटौती को देखते हुए आयकर में कोई बड़ी राहत देना उनके लिए कड़ी चुनौती हो सकती है। सीतारमण को जुलाई, 2019 में पेश अपने पहले बजट में इस बात को लेकर काफी आलोचना सहनी पड़ी थी कि उन्होंने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कुछ खास नहीं किया। इसके बाद वित्त मंत्री ने सितंबर में कंपनियों के लिए कर में बड़ी कटौती की घोषणा कर सभी को हैरान कर दिया।

कंपनी कर में की गई इस कटौती से केंद्र सरकार के राजस्व में 1.45 लाख करोड़ रुपए की कमी आने का अनुमान लगाया गया। इसके साथ ही कई वस्तुओं पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की दरों में भी कमी की गई। आवास, इलेक्ट्रिक वाहन, होटल में ठहरने का किराया, हीरे के जॉबवर्क और घर से बाहर होने वाली कैटरिंग जैसी गतिविधियों पर जीएसटी में कमी की गई। कर दरों में की गई कटौती के साथ-साथ कमजोर चाल से चल रही अर्थव्यवस्था में उपभोग में आती गिरावट, राजस्व संग्रह में सुस्ती के कारण बजट 2020 में तय राजस्व लक्ष्यों को हासिल करना वित्त मंत्री के समक्ष बड़ी चुनौती खड़ी कर रहा है।

आम नौकरीपेशा और सामान्य करदाता इन सब बातों को दरकिनार करते हुए मोदी सरकार की दूसरी पारी में कर दरों में राहत की उम्मीद लगाए बैठा है। सरकार ने हालांकि आम नौकरीपेशा लोगों की पांच लाख रुपए तक की कर योग्य आय को पहले ही करमुक्त कर दिया है। लेकिन कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया। मौजूदा स्लैब के मुताबिक ढाई लाख रुपए तक की आय पर कोई कर नहीं है, जबकि 2.50 लाख से पांच लाख पर पांच प्रतिशत, पांच से 10 लाख रुपए की वार्षिक आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपए से अधिक की कमाई पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लागू है। 60 साल के वरिष्ठ नागिरक और 80 साल से अधिक के बुजुर्गों के लिए क्रमश: तीन लाख और पांच लाख रुपए तक की आय करमुक्त रखी गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्री को आयकर स्लैब में बदलाव करना चाहिए। पिछले कई सालों से इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को 2020- 21 का आम बजट पेश करेंगी। जीएसटी परिषद की चार बैठकों की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की है। इस तरह की आखिरी बैठक दिसंबर में हुई जिसमें आर्थिक सुस्ती के चलते राजस्व संग्रह में आ रही कमी पर गौर किया गया। इसी आर्थिक सुस्ती का परिणाम है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में छह साल के निम्न स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गई।

नई विनिर्माण इकाइयों को निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए 15 प्रतिशत कर की दर तय की गई। वित्त मंत्री ने कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की मूल दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया, अधिभार और उपकर मिलाकर यह दर 25.17 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। इसके साथ ही एक अक्टूबर 2019 के बाद विनिर्माण क्षेत्र में उतरने वाली और 31 मार्च, 2023 से पहले कामकाज शुरू करने वाली नई कंपनियों के लिए कंपनी कर की दर घटाकर 15 प्रतिशत कर दी गई।

सीतारमण ने पिछले साल जुलाई में पेश बजट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर अधिभार बढ़ा दिया था। बाद में इसे बाजार के दबाव में वापस लेना पड़ा। इसके साथ ही इक्विटी हस्तांतरण से मिलने वाले अल्पकालिक और दीर्घकालिक पूंजी लाभ को भी वापस ले लिया गया। हालांकि, बजट में अमीरों पर कर अधिभार बढ़ा दिया गया। दो से पांच करोड़ रुपए सालाना की व्यक्तिगत आय पर बढ़े अधिभार के साथ प्रभावी कर की दर 39 प्रतिशत और पांच करोड़ रुपए से अधिक की सालाना व्यक्तिगत कमाई पर बढ़े अधिभार के साथ आयकर की प्रभावी दर 42.7 प्रतिशत तक पहुंच गई।

Latest Business News