नयी दिल्ली। सीमा शुल्क विभाग ने कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिये ई-मेल समेत करदाताओं को भेजे जाने वाले सभी संदेशों में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से निकलने वाले दस्तावेज पहचान संख्या (डीआईएन) को दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है। इससे पहले नवंबर में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा जारी पत्रों, तलाशी आदेश, समन, गिरफ्तारी एवं निरीक्षण नोटिस के लिये ही डीआईएन प्रणाली को अनिवार्य किया गया था।
सीबीआईसी द्वारा हाल ही में जारी एक परिपत्र के अनुसार, 'बोर्ड को अब यह निर्देश मिला है कि पूरे देश में सीबीआईसी के किसी भी कार्यालय के द्वारा करदाताओं या संबंधित व्यक्तियों को भेजे जाने वाले ईमेल समेत सभी तरह के संदेश और संवादों के लिये इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सृजित डीआईएन को दर्ज किया जाएगा।' प्रत्यक्ष कर प्रशासन में सरकार पहले ही एक अक्टूबर से डीआईएन प्रणाली लागू कर चुकी है।
सीबीआईसी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक तरीके से डीआईएन के सृजन से करदाताओं तथा अन्य संबंधित पक्षों को भेजे गये संवादों की डिजिटल डायरेक्टरी तैयार होगी। इसके अलावा यह संबंधित व्यक्तियों को मिले संवाद की सत्यता जांचने का माध्यम भी उपलब्ध कराएगा। सीबीआईसी ने कहा कि करदाताओं को भेजे गये जिस संदेश में डीआईएन दर्ज नहीं होगा, उसे अवैध माना जाएगा और ऐसा माना जाएगा कि उक्त संदेश को कभी भेजा ही नहीं गया है।
Latest Business News