नई दिल्ली। चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी Alibaba अब भारत में भी अपने पैर पसारने जा रही है। Alibaba को भारत की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील में 4.14 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अपनी मंजूरी दे दी है। स्नैपडील हाल ही में विभिन्न निवेशकों से बड़ी मात्रा में धन जुटाया है।
सीसीआई ने Alibaba ग्रुप द्वारा स्नैपडील की पैरेंट कंपनी जैसपर इंफोटेक में 4.14 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने वाले प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। सीसीआई ने खुद यह जानकारी ट्वीट कर दी है।
इस साल अगस्त में स्नैपडील ने घोषणा की थी कि Alibaba ग्रुप और ताईवान की फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी अन्य निवेशकों के साथ मिलकर स्नैपडील में 3269 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। उस समय जैसपर ने निवेश की कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी थी, जबकि एफआईएच मोबाइल लिमिटेड-फॉक्सकॉन की एक युनिट- ने कहा था कि वह 20 करोड़ डॉलर से स्नैपडील में 4.27 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। मौजूदा निवेशकों टेमासेक होल्डिंग्स पीटीई, ब्लैकरॉक इंक, मायरियाद और प्रेमजी इन्वेस्ट ने भी फंडिंग में हिस्सा लिया था। स्नैपडील की शुरुआत फरवरी 2010 में एक कूपन प्लेटफॉर्म के तौर पर हुई थी और आज यह देश की तीसरी सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी बन गई है।
सप्लाई चेन मजबूत करने पर जोर
स्नैपडील ने इस माह की शुरुआत में लॉजिस्टिक कंपनी गोजावास में दो करोड़ डॉलर का निवेश किया है। स्नैपडील ने गोजावास में दूसरी बार निवेश किया है। स्नैपडील पिछले 8-10 महीने से लगातार अपनी सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक को मजबूत करने पर काम कर रही है। कंपनी ने पिछले छह महीनों में डिलीवरी टाइमलाइन को सुधारने के लिए तकरीबन 650 करोड़ रुपए का निवेश किया है। सप्लाई चेन को और मजबूत बनाने के लिए कंपनी अगले 12 महीनों में अतिरिक्त 1300 करोड़ रुपए का और निवेश करेगी।
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