भारतीय कोर्ट का फेक न्यूज के आरोपों पर अलीबाबा और जैक मा को समन
कोर्ट ने जैक मा को 29 जुलाई तक पेश होने या जवाब देने को कहा
नई दिल्ली। फेक न्यूज से जुड़े एक मामले में एक भारतीय अदालत ने चीन के अरबपति जैक मा को समन भेजा है। रॉयटर्स में छपी एक खबर के मुताबिक एक कर्मचारी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए गुरुग्राम की अदालत ने ये समन भेजा। ये कर्मचारी अलीबाबा ग्रुप के UC वेब में कार्यरत था जिसने कंपनी पर फेक न्यूज और चीन के खिलाफ खबरों को सेंसर करने का आरोप लगाया है। शिकायत कर्ता के मुताबिक इस बारे में शिकायत करने पर उसे नौकरी से निकाल दिया गया। इस मामले में जैक मा के साथ साथ कंपनी के कई अधिकारियों को भी समन भेजा गया है। कोर्ट ने इन सभी से 29 जुलाई को खुद पेश होकर या फिर वकील के जरिए समन का जवाब देने को कहा है। वहीं समन में कंपनी और उनके अधिकारियों को 30 दिन के अंदर लिखित जबाव भी दाखिल करने को कहा गया है।
रॉयटर्स के मुताबिक शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया कि यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज ऐसी सभी खबरों को सेंसर कर रहे हैं जो चीन के खिलाफ हों साथ ही ऐसी फेक न्यूज भी प्रकाशित कर रहे हैं जिससे देश के सामाजिक और राजनैतिक स्तर पर असर पड़े। शिकायतकर्ता ने ऐसी ही कुछ खबरों को भी सबूत के तौर पर पेश किया है, जो बाद में फेक न्यूज साबित हुई हैं। कोर्ट में दिए गए दस्तावेजों के मुताबिक ये खबरें भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू होने और 2000 रुपये के नोट की बंदी से जुड़ी थीं। जो की बाद में फेक साबित हुईं। हालांकि ऐसी कोई खबर वेबसाइट्स से पब्लिश हुई थी या नहीं इस पर कंपनी को स्थिति साफ करना बाकी है। वहीं शिकायत कर्ता का दावा है कि कंपनी कुछ खास की-वर्ड्स का इस्तेमाल कर चीन के खिलाफ खबरों को सेंसर करती है।
भारत सरकार ने हाल ही में सुरक्षा के नाम पर 59 ऐसे एप पर प्रतिबंध लगाया है जो या तो चीन के थे या फिर चीन की कंपनियां इन एप से किसी तरह जुड़ी हुई थीं। इसमें यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज भी शामिल हैं। प्रतिबंध लगने से पहले इन ऐप की भारत में लगातार बढ़त देखने को मिल रही थी। यूसी ब्राउजर प्रतिबंध से पहले 69 करोड बार और यूसी न्यूज करीब 8 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका था।