चीन में अलीबाबा पर सरकार की कार्रवाई से जैक मा पड़े ठंडे, समय गुजारने के लिए कर रहे हैं पेंटिंग
जैक मा ने पिछले साल अक्टूबर में शंघाई में शिखर सम्मेलन के दौरान चीन की वित्तीय नियामक प्रणाली की आलोचना की थी।
बीजिंग। चीन के अरबपति और दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा (Alibaba) के संस्थापक जैक मा (Jack Ma) चीन सरकार की कार्रवाई के बाद शांत हैं और आजकल शौकिया तौर पर पेंटिंग कर रहे हैं। उनके करीबी व्यपारिक सहयोगी जोसेफ त्साई ने यह जानकारी दी। चीन के वित्त नियामकों ने पिछले वर्ष जैक मा को तलब किया था और उनकी कंपनी पर दबदबे की स्थिति का कथित दुरुपयोग करने के दोष में 2.8 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया था।
अलीबाबा के उपाध्यक्ष त्साई ने बुधवार को अमेरिकी मीडिया के साथ साक्षात्कार में कहा कि जैक साधारण जीवन जी रहे हैं। मैं उनसे रोज बात करता हूं और आंतरिक संदेश प्लेटफॉर्म के जरिये प्रतिदिन मेसेज करता हूं। वह अपने जीवन में बहुत अच्छा कर रहे हैं और शोकियां तौर पर पेंटिंग करते हैं। जैक दो साल पहले ही अलीबाबा में अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की भूमिका से हट गए थे और वह अब शौक और परोपकार पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
जैक मा ने पिछले साल अक्टूबर में शंघाई में शिखर सम्मेलन के दौरान चीन की वित्तीय नियामक प्रणाली की आलोचना की थी। इस सम्मेलन में सैकड़ों बैंकों और नियामकों ने भाग लिया था। जैक के चीनी बैंकों की तुलना मोहरे की दुकानों से करने के बाद उन्हें राष्ट्रीय नियामकों द्वारा समन किया गया। इस बयान से सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार नाराज हो गई। जिसके बाद सरकार ने उनकी कंपनी के खिलाफ जांच शुरू कर दी थी।
चीन से सीख ले सकता है भारत!
चीन सरकार ने अपने ही देश की कंपनी को नहीं छोड़ा वहीं भारत में अमेरिकी कंपनियां ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप अपनी मनमानी कर रही हैं। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को देश के नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों की जानबूझकर अवहेलना करने और उनका पालन करने में विफल रहने के लिए ट्विटर की आलोचना की। नए नियम 26 मई से लागू हो गए हैं। ट्विटर ने अतिरिक्त समय समाप्त होने के बाद भी जरूरी अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की जिसके साथ उसने भारत में ‘संरक्षित प्रावधान’ के जरिए मिलने वाली रियायतों का अधिकार खो दिया है। प्रसाद ने कहा कि ट्विटर मध्यस्थ नियमों का पालन करने में विफल रहा और उसने कई अवसर मिलने के बावजूद ‘‘जानबूझकर’’ इनका पालन ना करने का रास्ता चुना। उन्होंने कहा कि अगर किसी विदेशी इकाई को लगता है कि वह देश के कानून का पालन करने से बचने के लिए भारत में खुद को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ध्वजवाहक के तौर पर पेश कर सकती है तो "इस तरह की कोशिशें व्यर्थ" हैं।
गौरतलब है कि गाजियाबाद के लोनी में एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति के साथ कथित रूप से मारपीट के मामले में ट्विटर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। गाजियबाद पुलिस ने एक वीडियो का प्रसार करने के लिए ट्विटर और छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जिसमें बुजुर्ग व्यक्ति यह कहते दिख रहा है कि उसके साथ मारपीट की गई और उसे 'जय श्री राम' का नारा लगाने को कहा गया। पुलिस ने कहा कि यह सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए किया गया।
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