नई दिल्ली। भारती एयरटेल और आइडिया सेल्युलर जैसी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों ने इंटरकनेक्शन यूसेज चार्ज (IUC) को दोगुना करने की मांग की है। यह मोबाइल कॉल के टैरिफ को प्रभावित कर सकता है। इन कंपनियों का कहना है कि उनके नेटवर्क पर दूसरे नेटवर्क से आने वाली कॉल्स को पूरा कराने की लागत 30 पैसे प्रति मिनट बैठती है।
एक अन्य टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन का कहना है कि उसके नेटवर्क पर IUC 34 पैसे प्रति मिनट बैठती है, जो IUC की मौजूदा दर का दोगुना है। टेलीकॉम टैरिफ तय करते समय इस शुल्क को भी देखा जाता है। टेलीकॉम कंपनियों के अधिकारियों ने आईयूसी पर वर्कशॉप में कॉल टर्मिनेशन चार्ज में बढ़ोतरी की मांग दोहराई।
इस वर्कशॉप का आयोजन भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने किया था। एक अधिकारी ने बताया कि एयरटेल ने कहा है कि इनकमिंग कॉल को पूरा करने की लागत 30 पैसे बैठती है, ऐसे में IUC बढ़ाया जाना चाहिए, जिससे वे अपनी लागत निकाल सकें। टेलीकॉम ऑपरेटरों को अन्य ऑपरेटर के नेटवर्क से प्रत्येक इनकमिंग कॉल के लिए इंटरकनेक्शन यूजेस चार्ज मिलता है। यह मोबाइल ग्राहकों द्वारा अदा की जाने वाली कॉल दरों में शामिल होता है। आईयूसी ट्राई द्वारा तय किया जाता है।
फिलहाल प्रत्येक इनकमिंग कॉल पर 14 पैसे प्रति मिनट का आईयूसी लगता है। एक अधिकारी ने बताया कि वोडाफोन ने कहा है कि उसे अपने नेटवर्क पर इनकमिंग कॉल को पूरा करने की लागत 30 पैसे बैठती है। इसमें लाइसेंस शुल्क शामिल नहीं है। लाइसेंस शुल्क को शामिल करने के बाद यह 34 पैसे प्रति मिनट बैठती है।
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