भारी घाटे के बावजूद Airtel ने अपने चेयरमैन को दिया अधिक पारिश्रमिक, रिकवरी से छूट के लिए शेयरधारकों से लेगी मंजूरी
पिछले वित्त वर्ष में मित्तल को 21.19 करोड़ रुपए का अतिरिक्त पारिश्रमिक दिया गया था, जो कंपनी के शुद्ध लाभ के 11 प्रतिशत की सीमा से अधिक है।
नई दिल्ली। मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो के दूरसंचार कारोबार में उतरने के बाद से राजस्व व लाभ में कमी का सामना कर रही भारतीय एयरटेल ने वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) गोपाल विट्टल को सीमा से अधिक दिए गए पारिश्रमिक को वापस लेने से छूट की अनुमति अंशधारकों से लेने का फैसला किया है।
कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया है कि पिछले वित्त वर्ष में मित्तल को 21.19 करोड़ रुपए का अतिरिक्त पारिश्रमिक दिया गया था, जो कंपनी के शुद्ध लाभ के 11 प्रतिशत की सीमा से अधिक है। वहीं विट्टल को सीमा से 8.87 करोड़ रुपए की राशि का अतिरिक्त भुगतान किया गया था। यह राशि भी सीमा से अधिक थी।
भारती एयरटेल ने कहा है कि नई दिल्ली में 14 अगस्त को होने वाली कंपनी की वार्षिक आम बैठक में इन दोनों अधिकारियों को अतिरिक्त पारिश्रमिक की रिकवरी से छूट दिए जाने की अनुमति ली जाएगी।
नियमों के मुताबिक कोई कंपनी अपने शुद्ध लाभ के 11 प्रतिशत से अधिक राशि का भुगतान अपने प्रबंधकों को नहीं कर सकती है।
कुमार मंगलम बिड़ला को 2018-19 में अल्ट्राटेक सीमेंट से मिला 15.53 करोड़ रुपए का पारिश्रमिक
देश की सबसे बड़ी सीमेंट उत्पादक कंपनी अल्ट्राटेक के चेयरमैन एवं गैर-कार्यकारी निदेशक कुमार मंगलम बिड़ला की कुल परिलब्धियां 2018-19 में 18.82 प्रतिशत कम हो गई। हालांकि अब भी उनकी कुल परिलब्धियां 15.53 करोड़ रुपए है। वित्त वर्ष 2017-18 में उन्हें 19.13 करोड़ रुपए की परिलब्धियां प्राप्त हुई थीं। इससे पहले 2016-17 में उन्हें 22.50 करोड़ रुपए की राशि मिली थी।
कंपनी की हालिया वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, गिरावट के बाद भी बिड़ला की परिलब्धियां कंपनी के कर्मचारियों की औसत परिलब्धियों की तुलना में 202.90 गुना अधिक है। यह 2016-17 में 387.90 गुना और 2017-18 में 375.20 गुना अधिक था। वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी के प्रबंध निदेशक के.के.माहेश्वरी की परिलब्धियां 4.76 प्रतिशत कम होकर 12.96 करोड़ रुपए पर आ गई। कंपनी में 31 मार्च 2019 के आधार पर कुल 19,557 कर्मचारी काम कर रहे हैं। कुल कर्मचारियों की औसत परिलब्धियों में 2018-19 में 8.50 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 7.65 लाख रुपए पर पहुंच गई।
महिंद्रा एंड महिंद्रा की तुलना में दो गुने से अधिक रहा टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक का पैकेज
घरेलू वाहन बाजार में टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है लेकिन शीर्ष अधिकारियों के पारिश्रामिक की बातें करें तो टाटा मोटर बहुत आगे है। टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी गुएंतर बुत्शेक का कुल वेतन पैकेज 2018-19 में 1.57 प्रतिशत बढ़कर 26.29 करोड़ रुपए रहा। इस दौरान महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका की कुल वार्षिक परिलब्धियां 0.16 प्रतिशत गिरकर 12.19 करोड़ रुपए रहीं।
वित्त वर्ष 2018-19 में टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन.चंद्रशेखरन को निदेशक मंडल एवं समिति की बैठकों में शामिल होने के लिए छह लाख रुपए का भुगतान किया गया। हालांकि उन्होंने नीति के तहत कमीशन नहीं लिया। महिंद्रा एंड महिंद्रा के कार्यकारी चेयरमैन आनंद महिंद्रा का कुल पैकेज इस दौरान 7.97 प्रतिशत बढ़कर 8.67 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।