एयरटेल ने जमा किया 2.5 करोड़ का जुर्माना, UIDAI ने सब्सिडी वाले बैंक खाते में बदलाव के लिए बनाया नया नियम
टेलीकॉम क्षेत्र में सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी भारती एयरटेल ने आधार जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई के पास अंतरिम जुर्माने के रूप में 2.5 करोड़ रुपए जमा कराए हैं। सूत्रों
नई दिल्ली। टेलीकॉम क्षेत्र में सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी भारती एयरटेल ने आधार जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई के पास अंतरिम जुर्माने के रूप में 2.5 करोड़ रुपए जमा कराए हैं। सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने यह जुर्माना राशि अपने मोबाइल उपभोक्ताओं का बिना उनकी अनुमति के पेमेंट बैंक खाता खोलने और उसमें एलपीजी सब्सिडी हासिल करने से जुड़े मामले से संबंधित है।
कंपनी ने इसके साथ ही यह आश्वासन भी दिया है कि वह अपने 31 लाख मोबाइल ग्राहकों के इस तरह के पेमेंट बैंक खातों में आई 190 करोड़ रुपए की राशि उन्हें अगले 24 घंटे में लौटा देगी। कंपनी अपने ग्राहकों को सूचित करेगी कि उनके सब्सिडी को फिर से उसी खाते से जोड़ा जा रहा ह, जिसे उन्होंने मूल रूप से चुना था। सूत्रों ने कहा कि एयरटेल ने 2.5 करोड़ रुपए का अंतरिम जुर्माना ‘बिना किसी शर्त’ के यूआईडीएआई को जमा करवा दिया है।
बैंक खाते में बदलाव के लिए अब ग्राहक की सहमति जरूरी
भारत विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने एयरटेल जैसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए बैंकों को निर्देश दिया है कि सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के लिए बैंक खाते में बदलाव ग्राहक की सहमति के बिना नहीं किया जा सकता। यूआईडीएआई की गजट अधिसूचना में कहा गया है कि बैंकों को इस बदलाव के बारे में 24 घंटे के अंदर एसएमएस या ई-मेल से ग्राहक को इसकी सूचना देनी होगी। इसके अलावा उसे संबंधित व्यक्ति को इस बदलाव को पलटने का भी विकल्प देना होगा।
यह अधिसूचना सरकार की ओर से दिए जाने वाले अनुदान, विशेषरूप से एलपीजी सब्सिडी लाभार्थियों के उन खातों में पहुंचने के बाद जारी की गई, जो आधार संख्या का इस्तेमाल कर सबसे बाद में खोले गए हैं। भारती एयरटेल के मामले में तो स्थिति और भी खराब है, जिसने अपने मोबाइल ग्राहकों का उनकी सहमति के बिना एयरटेल पेमेंट्स बैंक में खाता खोला और उनकी एलपीजी सब्सिडी इसी खाते में पहुंचने लगी। इन ग्राहकों ने आधार का इस्तेमाल एयरटेल के अपने सिम के सत्यापन के लिए किया था।
अधिसूचना में कहा गया है कि नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) सिर्फ उसी स्थिति में सब्सिडी वाले बैंक खातों को बदलने की अनुमति दे जबकि उसके साथ लाभार्थी के मौजूदा बैंक का ब्योरा हो और बदलाव के लिए उसकी सहमति हो। अधिसूचना में कहा गया है कि जब तक यह प्रावधान लागू नहीं हो जाता, एनपीसीआई अपने सॉफ्टवेयर में सब्सिडी के खाते में बदलाव वाले ओवरराइड फीचर को हटाएगा।