नई दिल्ली। एयरटेल, एयरसेल व टाटा टेलीसर्विसेज के अलावा ज्यादातर दूरसंचार कंपनियां तिरुवनंतपुरम में कॉलड्रॉप संबंधी परीक्षण में खरी उतरीं। बाजार नियामक ट्राई ने यह परीक्षण जून में किया था। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार ने नेटवर्क परीक्षण रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार, सभी सेवा प्रदाताओं ने कॉल सैटअप सफलता दर हासिल कर ली, जहां उनका 75 फीसदी नेटवर्क कॉलड्रॉप की दर दायरे पर खरा उतरा।
कॉलड्रॉप की स्वीकार्य दर दो फीसदी है। यानी किसी दूरसंचार नेटवर्क से की जाने वाली कम से कम 98 फीसदी कॉल अपने आप ही डिसकनेक्ट नहीं होनी चाहिए। कॉलड्रॉप से मतलब मोबाइल पर बात करते समय कॉल का अपने आप कट जाना है। मई जून में 12 शहरों में यह परीक्षण किया था जिनमें दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़ व भोपाल शामिल हैं। कानपुर व लखनऊ में बीएसएनएल तथा रिलायंस कम्युनिकेशंस को छोड़कर ज्यादातर दूरसंचार परिचालन कॉलड्रॉप संबंधी मानकों का अनुपालन करते पाए गए। रिपोर्ट के अनुसार, तिरुवनंतपुरम में एयरसेल 2जी, एयरटेल 2जी, डोकोमो 2जी तथा एयरसेल 3जी कॉलड्रॉप मानकों को पूरा नहीं कर रहे।
जीएसएमए ने मोबाइल कनेक्ट समाधान पेश किया
दूरसंचार कंपनियों के वैश्विक संगठन जीएसएमए ने मोबाइल आधारित समाधान मोबाइल कनेक्ट भारत में शुरू करने की घोषणा की। इस समाधान के जरिए ग्राहक अपने मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करते हुए विभिन्न एप व सेवाओं के लिए अपनी डिजिटल पहचान सृजित कर सकता है और उसका प्रबंधन कर सकता है। फिलहाल मोबाइल कनेक्ट सेवाएं छह दूरसंचार कंपनियां- भारती एयरटेल, आइडिया, वोडाफोन, एयरसेल, टाटा टेलीसर्विसेज व टेलीनोर- उपलब्ध कराएंगी।
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