नई दिल्ली: देश के हवाईअड्डा क्षेत्र में पांच साल में 90,000 करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है। इसमें से 68,000 करोड़ रुपये का निवेश निजी कंपनियों से मिलेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित नागर विमानन क्षेत्र धीरे-धीरे वापसी की राह पर है और दैनिक घरेलू हवाई यातायात चार लाख के कोविड-पूर्व स्तर के करीब है। महामारी के कारण घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया था।
नागर विमानन सचिव राजीव बंसल ने कहा कि 2020-21 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि में हवाई अड्डों के लिए कुल 90,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुल राशि में से लगभग 20,000-22,000 करोड़ रुपये का निवेश भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा किया जाएगा, जबकि शेष राशि लगभग 68,000 करोड़ रुपये निजी क्षेत्र से आएगी।
सरकार को उम्मीद है कि पांच वर्षों में 220 हवाईअड्डे परिचालन में होंगे और इसमें हेलीपोर्ट भी शामिल होंगे। वर्तमान में देश में 136 हवाईअड्डे परिचालन में हैं, और कई हवाई अड्डों पर काम चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के जेवर में नए हवाई अड्डे की आधारशिला रखेंगे।
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