नई दिल्ली। गुरुवार को स्पेशल कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मारन बंधुओं को बड़ी राहत दी है। स्पेशल जज ओ पी सैनी ने पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन को बरी कर दिया है। जज ने कहा कि इन पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। दयानिधि मारन पर जांच एजेंसियों ने मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (सीबीआई) ने अपनी चार्ज शीट में पूर्व मंत्री पर मलेशियाई कंपनी मैक्सिस के मालिक टी आनंद कृष्णन के साथ मिलकर आपराधिक साजिश का आरोप लगाया था। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया था कि मॉरिशस आधारित कंपनियों ने सन डायरेक्ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड और साउथ एशिया एफएम लिमिटेड के जरिए मारन को 742.58 करोड़ रुपए दिए हैं।
दयानिधि मारन वर्ष 2004 से 2007 तक टेलीकॉम मंत्री थे और डॉ मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में उनका स्थान ए राजा ने लिया था, जो उन्हीं की पार्टी के सदस्य थे और बाद में उन पर भी बहुत बड़े 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले का आरोप लगा।
पढ़िए क्या है पूरा मामला
सीबीआई ने वर्ष 2014 में दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और मलेशियाई बिजनेसमैन टी. आनंद कृष्ण पर एयरसेल पर काबिज होने में मैक्सिस की मदद के लिए मिलीभगत करने का आरोप दायर किया था। उस समय चेन्नई की कंपनी एयरसेल के मालिक सी. शिवशंकरन थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि टेलीकॉम मंत्री के रूप में दयानिधि मारन ने दबाव बनाने के लिए उनकी कंपनी को दी जाने वाली अहम मंजूरियों को तब तक रोककर रखा था, जब तक उन्होंने कंपनी को वर्ष 2006 में मैक्सिस को बेच नहीं दिया।
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