नई दिल्ली। भारत सरकार एयर इंडिया (Air India) के लिए बोली जीतने वाले उम्मीदवार की घोषणा 15 अक्टूबर तक करने की तैयारी की है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय वाहक के लिए अगले महीने के मध्य तक विनिवेश प्रक्रिया को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है। सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया के लिए विजयी बोली की घोषणा के लिए संभावित रूप से 15 अक्टूबर की तारीख रखी गई है, जबकि वाहक के लिए प्राप्त वित्तीय बोलियां इस सप्ताह कभी भी खोली जा सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक बोली मूल्य का 85 प्रतिशत हिस्सा एयर इंडिया के कर्ज के लिए होगा, जबकि 15 प्रतिशत हिस्सा नगद में होगा।
25 सितंबर को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया अपने रास्ते पर है और वित्तीय बोलियां खोले जाने से पहले तकनीकी बोलियों का विश्लेषण किया जा रहा है।
एयर इंडिया के लिए टाटा संस और स्पाइसजेट के प्रमुख अयज सिंह के अलावा अन्य ने वित्तीय बोलियां सरकार के पास जमा कराई हैं। सूत्रों ने संकेत दिया कि टाटा संस एयर इंडिया पर पकड़ बनाने के लिए सबसे आगे है, सभी बोलियों का मूल्यांकन विभिन्न मापदंडों पर किया जाएगा और विजेता बोली लगाने वाले की घोषणा गृह मंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) की मंजूरी के बाद की जाएगी।
ट्विटर पर दीपम के सचिव तुहिन कांता पांडे ने पहले कहा था कि विनिवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में पोस्ट कर कहा था कि लेन-देन सलाहकार द्वारा प्राप्त एयर इंडिया के विनिवेश के लिए वित्तीय बोलियां। प्रक्रिया अब अंतिम चरण में चली गई है।
टाटा की बोली बहुप्रतीक्षित थी क्योंकि उसका नाम पिछले कुछ समय से चर्चा में था। वित्त वर्ष 2022 के बजट भाषण के दौरान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सभी प्रस्तावित निजीकरण की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएगी, जिसमें एयर इंडिया के लिए लंबे समय से चल रही रणनीतिक विनिवेश भी शामिल है।
एयरलाइन में अपनी हिस्सेदारी बेचने का मौजूदा केंद्र सरकार का यह दूसरा प्रयास है। पूर्व-महामारी युग में एयरलाइन, स्टैंडअलोन के आधार पर, 50 से अधिक घरेलू और 40 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों का संचालन करती थी। इसके अलावा, इसने कोविड महामारी से पहले 120 से अधिक विमानों का संचालन किया। उस अवधि के दौरान, एयरलाइन में 9,000 से अधिक स्थायी और 4,000 संविदा कर्मचारी थे।
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