नई दिल्ली। ट्रकों और बसों का परिचालन करने वाले ट्रांसपोर्टरों की शीर्ष संस्था एआईएमटीसी ने सरकार से ईंधन की बढ़ी हुई कीमतें वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे ट्रांसपोर्ट क्षेत्र प्रभावित होता है और यह महंगाई के चक्र को भी बढ़ाता है। गौरतलब है कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एक जून को डीजल की कीमतों में 2.26 रुपए की बढ़ोतरी की है। वहीं मार्च से अब तक डीजल 9.79 रुपए महंगा हो चुका है। डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से ट्रांसपोर्टरों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने एक बयान में कहा कि जून 2016 की पहली तारीख ट्रांसपोर्ट क्षेत्र के साथ-साथ भारत के आम आदमी को भी दोहरा झटका देने वाली रही। पहला झटका सेवा कर में आधा फीसदी का इजाफा, उसके बाद ईंधन और अब घरेलू रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोत्तरी ने अभी को निराश किया है। उसने सरकार से ईंधनों की बढ़ी कीमतें वापस लेने की मांग की।
अंतरराष्ट्रीय बजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी के कारण पेट्रोल–डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है। भारत में पिछले पांच हफ्ते में पेट्रोल कुल मिल कर 4.47 रुपए और डीजल 6.46 रुपए प्रति लीटर मंहगा हो चुका है। इसके कारण फ्यूल के दाम पिछले एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 50 डॉलर प्रति लीटर से ऊपर पहुंच गया है, जो जनवरी में एक समय 26-27 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गया था। वैश्विक बजार में कच्चे तेल की कीमत और डॉलर के मुकाबले रुपए में घट बढ़ के आधार पर देश की सरकारी तेल कंपनियां हर 15 दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों का समीक्षा करती है। तेल कंपनियों ने मंगलवार आधी रात से पेट्रोल का दाम 2.58 रुपए और डीजल का 2.26 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया।
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