मुंबई। चीन की महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड (OBOR) मुहिम से जुड़ी परियोजना में एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (AIIB) द्वारा संभावित फाइनेंस पर सरकार ने अपना रूख सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया। अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि इन चीजों (ऋण प्रस्तावों) पर निदेशक मंडल स्तर पर चर्चा होती है और अंतिम निर्णय सभी हितों एवं दृष्टिकोणों को ध्यान में रखते हुए लिए जाते हैं। हम निदेशक मंडल से बाहर इस बारे में अपना पक्ष स्पष्ट नहीं कर सकते हैं।
गोयल एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उनसे पूछा गया था कि यदि एआईआईबी के सामने वन बेल्ट वन रोड से जुड़ी परियोजना के फाइनेंस का प्रस्ताव आया तो भारत का इस पर क्या रुख होगा। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि अभी तक एआईआईबी के सामने वन बेल्ट वन रोड से जुड़ी किसी परियोजना के फाइनेंसिंग का प्रस्ताव नहीं आया है।
गर्ग ने वन बेल्ट वन रोड पर भारत की आपत्ति का जिक्र करते हुए कहा कि यह उसी तरह से एक चीनी बैंक है जिस तरह से विश्व बैंक को अमेरिकी कहा जाता है। हम एआईआईबी द्वारा वित्तपोषित वन बेल्ट वन रोड की किसी परियोजना को अलग से नहीं देखते हैं।
एआईआईबी के उपाध्यक्ष एवं कारपोरेट सचिव डैनी अलैक्जेंडर ने कहा कि एआईआईबी बहुपक्षीय विकास बैंक है। यह उतना ही भारतीय बैंक है जितना चीनी या ब्रिटिश।
एआईआईबी में सबसे ज्यादा 31 प्रतिशत हिस्सेदारी चीन की है, इसके बाद आठ प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत दूसरा बड़ा हिस्सेदार है। भारत चीन की ओबीओआर योजना का विरोध करता है। इस परियोजना के तहत चीन कई महाद्वीपों से गुजरने वाली सड़क, रेलवे और बंदरगाह परियोजनाएं बना रहा है।
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