नई दिल्ली। काले धन पर और अंकुश लगाने के इरादे से आगामी बजट में फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) में एक संशोधन लाया जा सकता है। इससे जांच एजेंसियां को कानून का उल्लंघन करने वालों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार मिलेगा। गौरतलब है कि अधिकारियों ने इस कानून में कमी की बात कही थी, जिसके कारण काले धन के मामले में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
एसआईटी ने सरकार को कानून संशोधन का दिया सुझाव
अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियों ने काले धन पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से कहा था कि फेमा में कुछ कमी है, जिससे इस कानून के चूक और उल्लंघन करने वाले खासकर हवाला या अवैध तरीके से धन प्रेषण में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में बाधा उत्पन्न होती है। इस प्रकार के अनुरोध पर कदम उठाते हुए एसआईटी ने सरकार को फेमा कानून की धारा 14 (संबद्ध प्राधिकरण के आदेश का प्रवर्तन) के तहत एक नया उपबंध शामिल कर संशोधन लाने का सुझाव दिया है।
एजेंसियों को संपत्ति जब्त करने का मिलेगा अधिकार
अगर सरकार कानून में संशोधन करती है तो जांच एजेंसियों को मनी लॉन्ड्रिंग निरोध कानून के तहत मिली शक्तियों की तर्ज पर चूककर्ताओं की घरेलू संपत्ति कुर्क करने में मदद मिलेगी। सामान्य रूप से फेमा के प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर केवल जुर्माना लगाया जाता है। वित्त मंत्री अरूण जेटली के 29 फरवरी को बजट भाषण में इस संशोधन का उल्लेख हो सकता है। मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के आपराधिक प्रावधानों के तहत ईडी को संपत्ति कुर्क करने का अधिकार है और कानून के उपबंध का मकसद आरोपी को गलत तरीके से अर्जित संपत्ति का लाभ उठाने से वंचित करना है।
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