नयी दिल्ली। अब जेट एयरवेज राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण की दौड़ से बाहर हो गई है। जेट एयरवेज ने आज कहा कि वह एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया में शामिल नहीं होगी। इससे पहले एक अन्य घरेलू एयरलाइन इंडिगो ने एयर इंडिया के विनिवेश में शामिल नहीं होने का फैसला किया था। घाटे में चल रही एयर इंडिया और उसकी दो अनुषंगियों की रणनीतिक बिक्री प्रक्रिया में कुछ अड़चनें आती दिख रही हैं। दो संभावित बोली लगाने वाली कंपनियों ने इस प्रक्रिया से बाहर रहने का फैसला किया है।
एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया को शुरू करते हुए सरकार ने विस्तृत शुरुआती सूचना ज्ञापन जारी किया था। इसके तहत एयर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी। इसके अलावा प्रबंधन नियंत्रण भी निजी कंपनियों को स्थानांतरित किया जाएगा। जेट एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य वित्त अधिकारी अमित अग्रवाल ने कहा , ‘‘ हम सरकार के एयर इंडिया के निजीकरण के प्रयास का स्वागत करते हैं। यह एक साहसी कदम है। हालांकि , सूचना ज्ञापन में पेशकश की शर्तों और हमारी अपनी समीक्षा के बाद हमने इस प्रक्रिया में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। ’’ हालांकि , उन्होंने हिस्सेदारी बिक्री में भाग नहीं लेने के लिए कोई विशेष वजह नहीं बताई।
पिछले महीने सूत्रों ने कहा था कि जेट एयरवेज , एयरफ्रांस - केएलएम और डेलटा एयरलाइंस के गठजोड़ ने एयर इंडिया के विनिवेश में रुचि दिखाई है। नरेश अग्रवाल प्रवर्तित जेट एयरवेज के एयर इंडिया के अधिग्रहण में शामिल नहीं होने की घोषणा से पहले बजट एयरलाइन इंडिगो ने एयर इंडिया के अंतरराष्ट्रीय परिचालन के अधिग्रहण की योजना को छोड़ने की घोषणा की थी।
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