नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद बैंक संदेहास्पद लेन देन की रिपोर्ट करने में बिल्कुल भी कोताही नहीं बरत रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ बड़े प्राइवेट बैंकों ने ऐसे संदिग्ध मामलों में दस गुना तक बढ़ोतरी की रिपोर्ट की है।
दस गुना तक बढ़े संदेहास्पद लेन-देन के मामले
- एक बिजनेस अंग्रेजी अखबार के मुताबिक एक प्राइवेट बैंक ने दिसंबर में फाइनेंशल इंटेलीजेंस यूनिट को फाइल किए जाने वाले संदिग्ध ट्रांजेक्शन रिपोर्ट (STR) की संख्या 250-300 से बढ़कर 3000 तक पहुंच गई है।
1 करोड़ से अधिक कैश डिपॉजिट STR आठ गुना बढ़े
- एक अन्य बड़े बैंक ने बताया कि 1 करोड़ से अधिक कैश डिपॉजिट के STR की संख्या में आठ गुना तक की बढ़त देखी गई।
हर हफ्ते दर्ज हो रहे मामले
- एक सीनियर बैंक अधिकारी ने बताया कि टैक्स अथॉरिटी के बढ़ते सर्विलांस के तहत अधिक सतर्कता बरती जा रही है। एक महीने में फाइल होने वाली STR अब एक हफ्ते में फाइल हो रही है।
जांच एजेंसी लगातार कर रही है निगरानी
- ईडी और टैक्स डिपार्टमेंट बैंको में जमा होने वाले 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों पर कड़ी निगाह रख रही है।
- काले धन को सफेद करने में जुड़े लोगों की सहायता करने के आरोप में पांच प्रबंधकों को गिरफ्तार भी किया गया है।
- इसके अलावा संदिग्ध 547 अन्य ब्रांचों की भी पहचान कर ली गई है।
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थोड़ा सा भी संदिग्ध लगने पर दर्ज हो रही है रिपोर्ट
- एक शीर्ष बैंक कर्मी ने बताया, किसी भी ट्रांजेक्शन के थोड़ा सा भी संदिग्ध लगने पर उसकी रिपोर्ट कर दी जा रही है। हम कोई भी दोष खुद पर नहीं लेना चाहते हैं।
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