नई दिल्ली। Demonetisation के बाद उम्मीद की जा रही थी बड़ी मात्रा में घरेलू कालाधन पर लगाम लग सकेगा। हालांकि, अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, 15.4 लाख करोड़ रुपए मूल्य के पुराने 500 और 1,000 रुपए के नोटों में करीब-करीब 90 फीसदी नोट जिनका मूल्य 14 लाख करोड़ रुपए है, वापस बैंकों में जमा किए जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था। सरकार को उम्मीद थी कि इस फैसले से उसे कई मोर्चों पर फायदा होगा।
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3 लाख करोड़ वापस न लौटने की थी उम्मीद
सरकार को उम्मीद थी कि कालेधन के तौर पर छुपाए गए कम से कम 3 लाख करोड़ रुपए मूल्य के 500 और 1000 के पुराने नोट वापस नहीं होंगे। ऐसा होने पर भारतीय रिजर्व बैंंक (RBI) सरकार को अच्छा-खासा लाभांश भी देता। हालांकि, बैंकों में अब तक जमा हुए नोटों की मात्रा से ऐसा लगता है कि जिन लोगों के पास कालाधन था, उन्होंने उसे सफेद करने में कामयाबी हासिल कर ली है।
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