शांघाई। चीन के सेंट्रल बैंक पीपल्स बैंक ऑफ चायना ने ब्रिटेन जनमत संग्रह के बाद अपनी करेंसी युआन को डिवैल्यूड कर दिया है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले युआन के रिफरेन्स रेट में करीब एक फीसद की कटौती की है। कटौती के बाद डॉलर के मुकाबले युआन साढ़े पांच साल के निचले स्तर पर फिसल गया। पिछले साल अगस्त के बाद यह युआन के रिफरेन्स रेट में आधिकारिक स्तर पर सबसे बड़ी कटौती है।
ब्रिटेन के मतदाताओं के बहुमत ने 23 जून के जनमत संग्रह में यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के पक्ष में निर्णय दिया। तथाकथित ब्रेक्जिट के निर्णय के बाद विश्व के बाजारों में उथल-पुथल दिखी है और अमेरिकी डॉलार मजबूत हुआ है। चीन की विदेशी विनिमय बाजार प्रणाली की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पीपल्स बैंक ऑफ चायना ने युआन की विनियम दर डॉलर के मुकाबले शुक्रवार के स्तर से 0.91 फीसदी घटाकर 6.63 युआन प्रति डॉलर कर दिया।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक पिछले साल अचानक किए गए डिवैल्यूएशन के बाद से यह सबसे बड़ी गिरावट है। पिछले साल अगस्त में युआन में एक सप्ताह के अंदर करीब पांच फीसदी की कटौती की गई थी। दी पीपल्स बैंक ऑफ चाइना के गवर्नर ने कहा, चीन के विकास के लिए युआन का और लचीला होना आवश्यक है ताकि हम सुधार और मौद्रिक नीति द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को हासिल कर सके। चीनी वाणिज्यिक बैंक के एक व्यापारी ने कहा, हम इस उथल-पुथल को इस तरह देख रहे है कि बाजार केंद्रिय बैंक के सहनशीलता को जांच रहा है, पर हमें यह विश्वास है कि बैंक चीजों को नियंत्रण से बाहर नहीं होने देगा। चीने के इस कदम से भारत को फायदा होगा। दरअसल भारत बड़े पैमाने पर चीन से सामान आयात करता है। ऐसे में करेंसी की वैल्यू कम होने पर हमें कम भुगतान करना पड़ेगा।
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