नई दिल्ली। भारत ने पिछले महीने 59 चीनी एप्स को प्रतिबंधित करने के बाद अब 275 चीनी एप्स की एक लिस्ट तैयार की है। सरकार अब यह जांच करेगी कि यह चीनी एप्स कहीं राष्ट्रीय सुरक्षा और यूजर प्राइवेसी के नियमों का उल्लंघन तो नहीं कर रही हैं। इस मामले से जुड़े कुछ सूत्रों ने बताया कि सरकार ने चीपी एप्स की जांच कड़ी कर दी है और इस बात की संभावना है कि देश में और अधिक चीनी इंटरनेट कंपनियों को प्रतिबंधित किया जा सकता है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने शॉर्ट वीडियो एप टिकटॉक सहित 59 चीनी एप को प्रतिबंधित करने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकार ने 275 एप्स की जो लिस्ट तैयार की है, उसमें गेमिंग एप पबजी भी शामिल है। चीन की सबसे मूल्यवान इंटरनेट कंपनी टेनसेंट इसकी मालिक है। इसके अलावा फोननिर्माता शाओमी की जिली, अलीबाबा की अलीएक्सप्रेस के साथ ही टिकटॉक की मालिकाना कंपनी बाइटडांस की रेसो और यूलाइक जैसे एप इस लिस्ट में शामिल हैं।
एक सूत्र ने बताया कि सरकार इन सभी एप को या कुद को या किसी को भी नहीं प्रतिबंधित कर सकती है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चीनी एप्स और उनके वित्त पोषण की जांच की जा रही है। इनमें से कुद एप्स को सुरक्षा के लिहाज से जोखिम की श्रेणी में रखा गया है, जबकि अन्य को डाटा शेयरिंग और प्राइवेसी नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए लिस्ट में रखा गया है।
उद्योग अनुमान के मुताबिक चीनी इंटरनेट कंपनियों के भारत में लगभग 30 करोड़ यूनिक यूजर्स हैं, इसका मतलब है कि देश में दो तिहाई स्मार्टफोन यूजर्स ने एक चीनी एप को जरूर डाउनलोड किया है। जांच के लिए तैयार की गई 275 चीनी एप्स की लिस्ट में 14 एप्स शाओमी की है। इसके अलावा कैपकट, फेसयू, Meitu, एलबीई टेक, परफेक्ट कॉर्प, सीना कॉर्प, नेटीज गेम्स, यूजू ग्लोबल शामिल हैं।
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