नई दिल्ली। अफगानिस्तान ने भारतीय काराबारियों को उसके कृषि क्षेत्र में निवेश का न्यौता दिया। उसने कृषि उत्पादों के विनिर्माण, प्रसंस्करण, पैकेजिंग और विपणन में बेहतर पेशकश देने की बात भी कही। अफगानिस्तान के कृषि, सिंचाई और पशुपालन उप मंत्री अब्दुल कदीर जवाद ने कहा कि देश का कृषि उत्पादन एवं निर्यात बढ़ रहा है। वे यहां दो दिनों की मेड इन अफगानिस्तान प्रदर्शनी के मौके पर आयोजित एक कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
जवाद ने कहा, अफगानी वस्तुओं के लिए निर्यात बाजार का विस्तार और व्यापार रिश्तों को पुर्नस्थपित करना अफगानिस्तान में रोजगार निर्माण, पूंजी प्रवाह और संपूर्ण स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि 29 जुलाई को अफगानिस्तान आधिकारिक रूप से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का 164वां सदस्य देश बन जाएगा। उनकी सरकार डब्ल्यूटीओ के नियमों के मुताबिक कृषि उत्पादन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान उसके कृषि से जुड़े विनिर्माण एवं प्रसंस्करण, पैकेजिंग, कारोबार एवं विपणन में निवेश की उम्मीद रखता है।
जवाद ने कहा कि 2014-15 में उसके और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 68.4 करोड़ डॉलर रहा था, जिसके और बढ़ने की उम्मीद है। जवाद ने कहा वे भारत को मेवा, फल और कालीन निर्यात करते हैं और देश में कृषि निर्यात इस साल 10 फीसदी बढ़ेगा। इसी कार्यक्रम में विदेश मामलों के मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) अमर सिन्हा ने भारतीय कारोबारियों से अफगानिस्तान में सुरक्षा चिंताओ को दरकिनार कर निवेश करने के लिए कहा।
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