नई दिल्ली: हवाई अड्डा दर नियामक एरा हवाई अड्डा परिचालकों द्वारा किए जाने वाले पूंजीगत खर्च की संभावित सीमा का प्रस्ताव लेकर आया है। हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण (एरा) का इसके पीछे मकसद प्रयोगकर्ताओं द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क का उचित बेंचमार्क तय करना और खर्चों को संभावित तौर पर बढ़ाचढ़ाकर दिखाने से रोकना है।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जबकि सरकार की योजना और हवाई अड्डों की स्थापना करने और उनका पुनरोद्धार करने की है, जिससे क्षेत्रीय संपर्क को प्रोत्साहन दिया जा सके। चालू वित्त वर्ष में कुल 25 क्षेत्रीय हवाई अड्डों का विकास किया जाना है। एरा ने हवाई अड्डा परिचालकों से उनके द्वारा जमा कराई गई लागत के बारे में सूचना पर पुन: विचार करने और संभावित सीमा से ऊपर हुई बढ़ोतरी का आधार बताने को कहा है। नियामक ने टर्मिनल बिल्डिंग के लिए 65,000 रुपए प्रति वर्ग फुट तथा रनवे-टैक्सीवे-एपरन आदि के लिए 4,700 रुपए प्रति वर्ग फुट की संभावित सीमा तय की है।
यह सीमा उस समय तक लागू रहेगी, जब तक अधिक बेहतर प्रक्रिया से पूंजीगत लागत पर फैसले करने के नियम को अंतिम रूप नहीं दिया जाता। यह संभावित सीमा कोचिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (सीआईएएल) की लागत के आधार पर तय की गई है। सीआईएएल केरल में कोचिन हवाईअड्डे का परिचालन करती है।
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