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Hindi News पैसा बिज़नेस वित्तमंत्री को ट्विटर पर यूजरों ने दी सलाह, आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिए बताए ये उपाय

वित्तमंत्री को ट्विटर पर यूजरों ने दी सलाह, आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिए बताए ये उपाय

नई वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का ट्विटर हैंडल बधाई संदेशों से अटा-पड़ा रहा जिनमें उनको अगले स्तर के आर्थिक सुधार और आर्थिक विकास केंद्रित कदम उठाने की सलाह दी गई है।

Finance Minister Nirmala Sitharaman- India TV Paisa Image Source : TWITTER Finance Minister Nirmala Sitharaman

नई दिल्ली। देश की नई वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अभी नहीं बताया होगा कि देश के आर्थिक विकास को रफ्तार देने की दिशा में उनकी क्या योजना है, मगर उत्साही ट्विटर यूजर्स ने सोशल मीडिया पर उनको सलाह देना शुरू कर दिया है। नई वित्तमंत्री का ट्विटर हैंडल बधाई संदेशों से अटा-पड़ा रहा जिनमें उनको अगले स्तर के आर्थिक सुधार और आर्थिक विकास केंद्रित कदम उठाने की सलाह दी गई है। 

बजट, विनिवेश को नया आर्थिक सुधार की मिली सलाह

निर्मला सीतारमण के पास वित्त मंत्रालय के साथ-साथ कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का भी प्रभार है। सीतारमण के ट्विटर हैंडल पर उनको दिए गए संदेशों में आगामी बजट, विनिवेश को नया आर्थिक सुधार को लेकर सलाह दी गई है। शिवम मेहरा ने ट्वीट के जरिए कहा कि हमें कृषि और प्रापर्टी इंडस्ट्री में बड़े निवेश की आवश्यकता है क्योंकि ये हर कारोबार की रीढ़ हैं। आज कारोबार चल रहा है मगर उम्मीद के स्तर पर नहीं चल रहा है। बाजार में तेजी लाने के लिए कुछ निवेश की जरूरत है।

'जीएसटी में मिले रियायत'

प्रसेनजीत घोष ने बजट को लेकर ट्वीट के जरिए कहा कि हमें नौकरियों की जरूरत है। कर में कटौती कर निवेश और निर्यात को प्रोत्साहित करें। पीएसयू में विनिवेश करें। इन्फ्रा को प्रोत्साहन दें और एसएमई को मदद करने के लिए श्रम सुधार लाएं। इसी प्रकार जे. वी. नायडू ने ट्वीट के जरिए कहा कि थोड़े पैसे मध्यम वर्ग को दें, शून्य कर की सीमा सालाना 10 लाख तक बढ़ाएं ताकि लोगों के पास खर्च करने के लिए पैसे हों और पैसे का आवर्तन हो और अर्थव्यवस्था में तेजी आए। उन्होंने कहा कि रिटेल सेक्टर में डिजिटल भुगतान करने वाले आमलोगों के लिए जीएसटी में एक फीसदी रियायत दें।

आर्थिक आंकड़ों से अर्थव्यवस्था की खराब तस्वीर सामने आई

पिछले 48 घंटों के दौरान दी गई ये सलाह समझने योग्य हैं क्योंकि प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से अर्थव्यवस्था की खराब तस्वीर सामने आई है। जीडीपी विकास दर में सुस्ती पाई गई और प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में कमी आई है। इसके अलावा, संकटग्रस्त कृषि क्षेत्र, बेरोजगारी, कमजोर उपभोक्ता रुझान से अल्पावधि से मध्यावधि के दौरान सुस्ती की आशंका बनी हुई है। 

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