नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एक वित्त वर्ष में कुल टैक्स रकम का किस्तों में भुगतान करने के लिए एडवांस टैक्स (Advance Tax) पेमेंट की सुविधा प्रदान करता है, ताकि करदाता को साल के अंत में एक साथ बड़ी राशि का भुगतान न करना पड़े। टैक्स की इन किस्तों को टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा निर्धारित की गई तारीख या इससे पहले जमा कराना अनिवार्य होता है। एडवांस टैक्स की किस्त का भुगतान न करने या इसमें देरी करने पर आपको अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा।
कौन से करदाताओं को देना होता है एडवांस टैक्स?
ऐसे करदाता, वेतनभोगी कर्मचारी सहित, जिनका एक वित्त वर्ष में 10,000 रुपए से अधिक टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) कटता है, उन्हें एडवांस टैक्स भरना पड़ता है।
किन लोगों को मिली है छूट?
भारत के वरिष्ठ नागरिकों (60 साल या इससे अधिक), जो किसी बिजनेस या किसी पेशे से आय प्राप्त नहीं कर रहे हैं, उन्हें एडवांस टैक्स देने की जरूरत नहीं है।
पेमेंट करने का तरीका
सभी कॉरपोरेट एडवांस टैक्स फाइलिंग और ऐसे सभी करदाता, जिनके एकाउंट्स का ऑडिट इनकम टैक्स कानून की धारा 44एबी के तहत करने की आवश्यकता है, के लिए ई-पेमेंट को अनिवार्य किया गया है। अन्य करदाताओं की सुविधा के लिए भी ई-पेमेंट की सुविधा का विकल्प दिया गया है, यह सही जमा को सुनिश्चित करता है।
एडवांस टैक्स जमा करने की निर्धारित तिथियां
- 15 जून तक, कुल टैक्स का 15 प्रतिशत एडवांस टैक्स के रूप में जमा करना होता है।
- 15 सितंबर तक कुल टैक्स का 45 प्रतिशत हिस्सा एडवांस टैक्स के रूप में जमा कराना होता है।
- 15 दिसंबर या इससे पहले टैक्स राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा जमा करना अनिवार्य है।
- 15 मार्च 2018 तक 100 प्रतिशत एडवांस टैक्स जमा कराना होता है।
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