नई दिल्ली। एचडीएफसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य पुरी ने कहा कि उन्हें डिजिटल वॉलेट में कोई भविष्य नजर नहीं आता। पुरी ने कहा कि Paytm दूसरा अलीबाबा नहीं बन सकता क्योंकि इसके मॉडल की कॉपी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि पेटीएम का वर्तमान घाटा 1600 करोड़ रुपए है और इसका वित्तीय मॉडल आंशकाओं से भरा है।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी की वजह से भुगतान के लिए जो सबसे आसानी से उपलब्ध थे उसे अपना लिया। इसमें पेटीएम ने अन्य की तुलना में बाजी मार ली।
- मोबाइल वॉलेट की कुछ सीमाएं हैं और जैसे-जैसे नए डिजिटल पेमेंट विकल्प उभरेंगे, इनकी चमक फीकी पड़ती जाएगी।
- उदाहरण के लिए ये अंतरसक्रियात्मक नहीं हैं। पैसा भेजने के लिए भेजने वाले और प्राप्त करने वाले का एकाउंट एक ही कंपनी में होना जरूरी है।
- इसके अलावा वॉलेट में पैसे रखने पर ब्याज भी नहीं मिलता।
- छोटे दुकानदार एक महीने में 25,000 से ज्यादा रुपए की निकासी नहीं कर सकते, जो नकदी तरलता पर प्रतिकूल असर डालता है।
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पेटीएम में अपनी एक प्रतिशत हिस्सेदारी 5 से 6 करोड़ डॉलर में बेचेगी रिलायंस कैपिटल
रिलायंस कैपिटल डिजिटल भुगतान कंपनी पेटीएम में अपनी एक प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 5 से 6 करोड़ डॉलर में बेचने के लिए बातचीत कर रही है।
- सूत्रों ने बताया कि रिलायंस कैपिटल का इरादा पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस में अपनी एक प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 5-6 करोड़ डॉलर जुटाने का है।
- इस बारे में संपर्क करने पर रिलायंस कैपिटल और पेटीएम के प्रवक्ताओं ने टिप्पणी से इनकार किया।
- आखिरी दौर के वित्तपोषण में अलीबाबा के समर्थन वाली पेटीएम का मूल्यांकन 4.8 अरब डॉलर था।
- पिछले साल दिसंबर में पेटीएम के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी विजय शेखर शर्मा ने वन97 कम्युनिकेशंस में एक प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 325 करोड़ रुपए जुटाए थे।
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