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Hindi News पैसा बिज़नेस ONGC और ऑयल इंडिया पर बढ़ा रॉयल्‍टी का बोझ, करना होगा 1492 करोड़ रुपए का अतिरिक्‍त भुगतान

ONGC और ऑयल इंडिया पर बढ़ा रॉयल्‍टी का बोझ, करना होगा 1492 करोड़ रुपए का अतिरिक्‍त भुगतान

तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) और ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी तेल एवं गैस उत्पादन करने वाली कंपनियों पर रॉयल्टी का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है।

ONGC और ऑयल इंडिया पर बढ़ा रॉयल्‍टी का बोझ, करना होगा 1492 करोड़ रुपए का अतिरिक्‍त भुगतान- India TV Paisa ONGC और ऑयल इंडिया पर बढ़ा रॉयल्‍टी का बोझ, करना होगा 1492 करोड़ रुपए का अतिरिक्‍त भुगतान

नई दिल्ली। तेल कंपनियों को कच्चे तेल के सकल मूल्य पर रॉयल्टी का भुगतान करने का निर्देश दिए जाने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) और ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी तेल एवं गैस उत्पादन करने वाली कंपनियों पर रॉयल्टी का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। केंद्र सरकार के इस आदेश के बाद ओएनजीसी को 392 करोड़ रुपए और ऑयल इंडिया लिमिटेड को 1,100 करोड़ रुपए से अधिक की अतिरिक्त रॉयल्टी का भुगतान करना होगा।

ओएनजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमें संशोधित शर्तों के आधार पर फरवरी 2014 से रॉयल्टी भुगतान के आदेश के तहत राज्य सरकारों को 392.50 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि 392.50 करोड़ रुपए में से करीब 300 करोड़ रुपए असम को और 91.86 करोड़ रुपए आंध्र प्रदेश को देने होंगे। ऑयल इंडिया लिमटेड जो कि असम में सबसे अधिक कच्चे तेल का उत्पादन करती है, उसे राज्य सरकार को 1,100 करोड़ रुपए से लेकर 1,150 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ सकता है।

उत्पादक राज्यों को सकल कीमत पर रायल्टी का भुगतान करेंगी सार्वजनिक तेल कंपनियां

उत्पादक राज्यों का मानना है कि ओएनजीसी और ओआईएल को सकल बिल के आधार पर रॉयल्टी का भुगतान करना चाहिए। गुजरात उच्च न्यायालय ने नवंबर 2013 में राज्य सरकार के पक्ष में आदेश दिया था और ओएनजीसी से कहा कि पहले की बकाया रॉयल्टी सहित 10,000 करोड़ रुपए का भुगतान करे।  इसके बाद अन्य तेल उत्पादक राज्यों, विशेष तौर पर असम ने भी इसकी मांग की। असम में जब तक कांग्रेस की सरकार थी पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राज्य सरकार को ऐसी राहत प्राप्त करने के लिए न्यायपालिका के पास जाना होगा। राज्य में भाजपा सरकार आने के बाद मंत्रालय ने पिछले सप्ताह ओएनजीसी और ऑयल इंडिया से कहा है कि वे एक फरवरी 2014 से रियायत से पहले की दर पर रॉयल्टी का भुगतान करें। हालांकि, इसमें यह शर्त भी जोड़ी गई है कि इस बारे में ओएनजीसी लिमिटेड द्वारा उच्चतम न्यायालय के समक्ष गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका का फैसला आने तक यह स्थिति रहेगी।

बरहाल, पेट्रोलियम मंत्रालय के इस निर्णय के साथ ही असम को रॉयल्टी के रूप में ओएनजीसी और ऑयल इंडिया से 1,400 करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश को 92 करोड़ रुपए की अतिरिक्त रॉयल्टी प्राप्त होगी। तेल क्षेत्र कानून के मुताबिक ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को जमीन पर स्थित तेल ब्लॉक से निकलने वाले कच्चे तेल पर संबंधित राज्य सरकार को 20 फीसदी की दर से रॉयल्टी का भुगतान करना होता है।

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