नई दिल्ली। अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी के स्वामित्व वाली अडानी गैस को तेल एवं गैस क्षेत्र के नियामक से अपनी मूल कंपनी से अलग होने के साथ-साथ फ्रांस की प्रमुख ऊर्जा कंपनी टोटल को हिस्सेदारी बेचने की अनुमति मिल गई है। सूत्रों ने जानकारी दी कि कंपनी के आधिकारिक तौर पर अनुमति मांगे जाने के बाद पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने उसे मंजूरी दे दी है।
इससे पहले पीएनजीआरबी ने अडानी गैस को 13 शहरों में गैस वितरण के लिए मिला लाइसेंस रद्द कर दिया था। इसकी वजह कंपनी का मूल कंपनी से अलग होने की जानकारी साझा ना करके कथित तौर पर धोखाधड़ी करना था। कंपनी को यह लाइसेंस 2018 में नौंवे दौर की बोली के दौरान मिला था।
पीएनजीआरबी के 29 नवंबर 2019 को अडानी गैस को कारण बताओ नोटिस जारी करने पर कंपनी ने कहा कि उसने इस संबंध में सभी संबंधित प्राधिकारों को मीडिया, अखबार, सार्वजनिक सूचना, सार्वजनिक सूचीबद्धता और बोली दस्तावेजों के माध्यम से अडानी गैस लिमिटेड के पुनर्गठित किए जाने की जानकारी दी है। लेकिन पीएनजीआरबी ने इस संबंध में कॉरपोरट मामलों के मंत्रालय से धोखाधड़ी को लेकर जांच कराने की चेतावनी दी और कंपनी पर 396.81 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया।
इसके बाद कंपनी का 13 शहरों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद कंपनी ने हिस्सेदारी बेचने के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन किया और इस पर पीएनजीआरबी ने अनुमति दे दी।
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