नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने आज कहा कि कॉल ड्रॉप को छुपाने के लिए रेडियो लिंक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाली टेलीकॉम कंपनियों को कार्रवाई का सामना करना होगा।
कॉल ड्रॉप को छुपाने के लिए रेडियो लिंक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किए जाने के बारे में राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल का लिखित उत्तर में सिन्हा ने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने विभिन्न एजेंसियों के जरिये दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद सहित 12 शहरों में मोबाइल नेटवर्क का परीक्षण किया है। इन शहरों में कुछ ऑपरेटर्स के पास उच्च रेडियो लिंक टेक्नोलॉजी (आरएलटी) है, जिसके कारण नेटवर्क की खराब गुणवत्ता के बावजूद कॉल लंबे समय तक कटती नहीं है, जिससे ग्राहकों को अधिक खराब अनुभव से गुजरना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि ट्राई ने मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स से उनके नेटवर्क पर आरएलटी की वैल्यू की विस्तृत जानकारी मांगी है। सर्विस प्रोवाइडर्स से जानकारी मिलने और उसके परीक्षण के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। एक अलग जवाब में सिन्हा ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट सर्विस एरिया में केवल बीएसएनएल ही ऐसी कंपनी है जो 2जी सर्विस के मानकों पर खरी नहीं उतरी है। कॉल ड्रॉप को कम करने के लिए सरकार के प्रयासों संबंधी सवाल के जवाब पर सिन्हा ने कहा कि शहरी विकास मंत्रालय सरकारी इमारतों पर सुरक्षा और लाइसेंस फीस के साथ टेलीकॉम ऑपरेटर्स को अपने नियंत्रण में मोबाइल टॉवर्स लगाने के लिए मंजूरी देने के लिए राजी हो गया है।
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