नई दिल्ली। रिलायंस जियो के सस्ते टैरिफ प्लान और भारी निवेश से प्रतिद्वंदी कंपनियों पर प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है। ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वोडाफोन की भारतीय इकाई का विलय किसी दूसरी टेलीकॉम कंपनी के साथ हो सकता है। रिपोर्ट में यह संभावना भी जताई गई है कि वोडाफोन का टाइ-अप जियो या आयडिया के साथ हो सकता है।
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भारतीय टेलीकॉम क्षेत्र में शुरू होगा कंसोलिडेशन का दौर
- विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय टेलीकॉम उद्योग में कंसोलिडेशन का दौर शुरू होने ही वाला है।
- टेलीनॉर जैसी छोटी कंपनियों का अधिग्रहण रिलायंस कम्युनिकेशन और एयरसेल जैसी मझोली टेलीकॉम कंपनियां द्वारा अधिग्रहण किया जा सकता है।
- यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद टेलीकॉम के क्षेत्र में अधिकतम चार कंपनियों के लिए जगह रह जाएगी।
तस्वीरों में देखिए जियो हैपी न्यू ईयर ऑफर को
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- वोडफोन, भारती एयरटेल ग्रुप के बाद देश की दूसरे सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी है।
- वोडाफोन ने हाल ही रिलायंस जियो को टक्कर देने के लिए कुछ नई स्कीम्स निकाली थी।
- सितंबर 2016 में कंपनी ने 47,700 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
- वहीं सितंबर 2016 तक कंपनी के पास 20 करोड़ ग्राहक थे।
- कंपनी के पास ग्राहकों की संख्या तो बढ़ी है लेकिन उसके वॉइस मिनट्स में 2% की कमी आई है।
वोडाफोन के डाटा यूजेज में हुई है ग्रोथ
- हालांकि डाटा यूजेज के हिसाब से देखा जाए तो उसमें कंपनी की 9.8% की ग्रोथ हुई है।
- गौरतलब है कि रिलायंस जियो ने अपनी फ्री वॉयस कॉलिंग और डेटा सर्विसेज को 31 दिसंबर 2016 से बढ़ा कर 31 मार्च 2017 तक बढ़ा दिया था।
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