नई दिल्ली। देश में करीब 48 प्रतिशत नियोक्ताओं को प्रतिभा की कमी के कारण रिक्त पदों को भरने में मुश्किल आती है। यह समस्या खासकर एकाउंटिंग, वित्त और आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) क्षेत्र में सबसे अधिक है।
- मैनपावर ग्रुप के प्रतिभा की कमी पर सालाना सर्वे के अनुसार वैश्विक स्तर पर 42,000 से अधिक नियोक्ताओं का सर्वे किया गया।
- इसमें 40 प्रतिशत को ऐसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जो 2007 से सर्वाधिक है।
- भारत में यह आंकड़ा 48 प्रतिशत है। सर्वे में 36 प्रतिशत प्रतिभागियों ने इसका प्रमुख कारण कौशल की कमी बताया।
- साथ ही 34 प्रतिशत ने पेशकश के मुकाबले अधिक वेतन की इच्छा को इसकी वजह बताया।
- देश में इस साल जिन नौकरियों की मांग है उसमें आईटी, एकाउंटिंग तथा वित्त, बिक्री प्रबंधक, ग्राहक सेवा प्रतिनिधि तथा गुणवत्ता नियंत्रक आदि हैं।
मैनपावर ग्रुप के प्रबंध निदेशक ए जी राव ने कहा,
आईटी तथा एकाउंटिंग पेशेवरों के लिए मांग सूचकांक लगातार बढ़ रहा है। प्रौद्योगिकी उन्नयन तथा बेहतर वित्तीय पहुंच से आने वाले महीनों में क्षेत्र की वृद्धि को गति मिलेगी। ऑटोमेशन बढ़ने से अत्यधिक कुशलता वाली नौकरियां बढ़ेंगी।
- एशिया में देखा जाए तो कुल 46 प्रतिशत नियोक्ताओं ने नियुक्ति में कठिनाई की बात कही।
- विभिन्न देशों में जापान में 86 प्रतिशत, ताइवान में 73 प्रतिशत और हांगकांग में 69 प्रतिशत नियोक्ताओं ने नियुक्ति में समस्या की बात कही।
- केवल 10 प्रतिशत चीनी नियोक्ताओं ने ऐसी चुनौती की बात कही।
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