पीएम मोदी का भाषण आत्मनिर्भर भारत पर था केंद्रित, कहा अहम है आत्मनिर्भर कृषि और आत्म निर्भर किसान
कोरोना काल में ही कुछ दिन पहले किसानों को आधुनिक ढांचागत सुविधा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का कृषि बुनियादी ढांचा कोष बनाया गया है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत की एक बड़ी प्राथमिकता देश की कृषि और किसानों को स्वावलंबी बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में कृषि क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने के साथ-साथ इस काम के लिए जरूरी ढांचागत सुविधाओं का विकास प्राथमिकता के आधार पर कर रही है। मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालिकले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत की एक अहम प्राथमिकता है आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में कदम उठाया गया है और इस कोरोना काल में ही कुछ दिन पहले किसानों को आधुनिक ढांचागत सुविधा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का कृषि बुनियादी ढांचा कोष बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार को प्रधानमंत्री ने कृषि अवसंरचना कोष के तहत एक लाख करोड़ रुपए की वित्तपोषण सुविधा की शुरूआत की। यह कोष कृषि-उद्यमियों, स्टार्टअप्स, कृषि क्षेत्र की प्रौद्योगिकी कंपनियों और कटाई बाद फसल प्रबंधन में किसान समूहों की मदद के लिए बनाया गया है।
कृषि क्षेत्र में सुधारों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए उनके उत्पाद बेचने के मामले में सीमित दायरे को समाप्त किया गया है। अब किसान दुनिया के किसी भी हिस्से में अपना सामान बेच सकता है। किसान उत्पादक संघों (एफपीओ) को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार ने कृषि सुधार से जुड़े दो अध्यादेश को जारी किया है। जहां कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 का लक्ष्य किसानों को राज्य के भीतर और अन्य राज्यों में कृषि उपज को बेचने की छूट देना है। वहीं, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और सुरक्षा) समझौता अध्यादेश-2020 किसानों को प्रसंस्करण इकाइयों, थोक व्यापारियों, बड़ी खुदरा कंपनियों और निर्यातकों के साथ पहले तय कीमतों पर समझौते की छूट देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों ने अपने प्रयासों से देश को आत्मनिर्भर बनाया है। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी। तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कृषि और गैर कृषि उत्पादों के लिए ग्रामीण इलाकों संकुलों का विकास किया जाएगा। इस कदम से किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी।