नई दिल्ली। रासायनिक कारोबार करने वाली आरती इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एआईएल) ने सोमवार को कहा कि एक वैश्विक कंपनी के साथ कृषि रसायानों की आपूर्ति के लिए 4,000 करोड़ रुपए का उसका दीर्घकालिक अनुबंध निरस्त हो गया है। इस खबर के बाद बीएसई पर कंपनी के शेयर में 7 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली।
कंपनी ने एक नियामकीय सूचना में कहा है कि उसने जून 2017 में कृषि रसायान क्षेत्र की एक प्रमुख वैश्विक कंपनी के साथ 10 साल के अनुबंध का समझौता किया था। इस अनुबंध से 10 साल के दौरान 4,000 करोड़ रुपए का राजस्व पैदा होने का अनुमान था। कंपनी ने नियामकीय सूचना में कहा कि हम आपको यह सूचित करना चाहते हैं कि 15 जून 2020 को आरती इंडस्ट्रीज लिमिटेड को ग्राहक से एक नोटिस प्राप्त हुआ है, जिसमें उसने अनुबंध को निरस्त करने का विकल्प चुना है। हमारा मानना है कि इसके पीछे ग्राहक की रणनीति में बदलाव प्रमुख वजह है।
इस अनुबंध के समाप्त होने से समझौते के तहत मुआवजे के प्रावधान प्रभाव में आ जाएंगे। इसके परिणामस्वरूप आरती इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एआईएल) को 12 करोड़ से 13 करोड़ डॉलर के दायरे में यानी करीब 913 करोड़ रुपए से लेकर 989 करोड़ रुपए तक मुआवजा प्राप्त होगा।
एआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजेन्द्र गोगरी ने कहा कि यह परियोजना हमारे लिए एक प्रमुख वृद्धि कारक पहल थी। इस मामले में जो नोटिस आया है उसके पीछे हमारी कोई पहल नहीं है। उन्होंने कहा कि बहरहाल, ग्राहक की रणनीति में बदलाव के कारण इस व्यवसाय में निहित अवसर कम नहीं हो जाते हैं।
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