नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज सहारा समूह को एक झटका देते हुए आदेश दिया है कि उसकी प्रमुख परियोजना एंबी वैली की संपत्तियों की नीलामी प्रक्रिया जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश इसलिए दिया है कि क्योंगी सहारा समूह सेबी-सहारा रिफंड खाते में 750 करोड़ रुपए जमा कराने में विफल रहा है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एके सिकरी की पीठ को आधिकारिक परिसमापकों का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता ने सूचित किया कि समूह ने रिफंड खाते में 750 करोड़ रुपए जमा नहीं कराए हैं। सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय और समूह की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि वे एंबी वैली के एक टुकड़े को बेचकर 15 मई तक यह पैसा जमा नहीं करा पाए हैं।
पीठ ने कहा कि जहां तक संपत्ति की नीलामी का सवाल है, समूह 750 करोड़ रुपए जमा नहीं करा पाया है। इसलिए यह जारी रहेगी। पीठ ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 12 जुलाई तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 19 अप्रैल को सहारा समूह को महाराष्ट्र में एंबी वैली सिटी परियोजना से कोई भी टुकड़ा चुनकर उसे बेचने और 15 मई तक उससे प्राप्त राशि सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा कराने की अनुमति दी थी।
पीठ ने समूह से शुरुआत में एंबी वैली में एक टुकड़े को बेचकर 15 मई तक 750 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा था। हालांकि, बाद में पीठ ने कहा था कि वह अपने आदेश में राशि का जिक्र नहीं करेगी। पीठ ने कहा था कि यदि सहारा समूह 15 मई तक संपत्ति बेचने में विफल रहता है तो बंबई उच्च न्यायालय के आधिकारिक परिसमापक प्रस्तावित नीलामी प्रक्रिया पर आगे बढ़ेंगे। पीठ ने विशेष रूप से सहारा समूह से कहा था कि उनके पास अपनी संपत्ति को बेचने के लिए 15 मई तक का समय है। वे संपत्ति को या तो खुद या नीलामी के जरिये बेच सकते हैं।
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