नई दिल्ली। दिसंबर माह से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) के तहत मिलने वाली राशि केवल उन्हीं पात्र किसानों के खातों में जमा की जाएगी, जिन्होंने अपने बैंक खाते को आधार नंबर से लिंक करवाया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार 14 करोड़ किसानों को तीन बराबर किस्तों में 6000 रुपए वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह राशि लाभार्थी के सीधे बैंक खाते में जमा की जाती है।
पहली किस्त (दिसंबर 2018-मार्च 2019) पाने के लिए आधार को वैकल्पिक रखा गया था। असम, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के किसानों को मार्च 2020 तक आधार नंबर की अनिवार्यता से छूट दी गई है। हालांकि, दूसरी किस्त पाने के लिए आधार को अनिवार्य किया गया है।
आधार को सीडिंग करने में हुई देरी की वजह से दूसरी और तीसरी किस्त पाने के लिए इस शर्त से 30 नवंबर तक छूट दी गई थी। तोमर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि 1 दिसंबर, 2019 से पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत बाकी किस्तों को हासिल करने के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया गया है।
सरकार ने 30 नवंबर तक 7.60 करोड़ लाभार्थियों को धन हस्तांतरित किया है। उन्होंने बताया कि अबतक किसानों को 35,882.8 करोड़ रुपए प्रदान किए जा चुके हैं। मंत्री ने कह कि इस योजना के लिए किसानों का पंजीकरण और किस्त के आधार पर धन स्थानांतरण एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।
उन्होंने बताया कि जब राज्य सरकार द्वारा पीएम किसान वेब पोर्टल पर लाभार्थी का सही और प्रमाणित डाटा अपलोड कर दिया जाता है तभी उसके खाते में धन हस्तांतरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लाभार्थी का डाटा विभिन्न प्रमाणीकरण और जांच के बाद अपलोड किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को प्रत्येक किस्त के समय दोहराया जाता है।
किसानों के पंजीकरण को आसान बनाने के लिए पीएम-किसान पोर्टल पर फार्मर्स कॉर्नर की विशेष सुविधा प्रदान की गई है। इसके जरिये किसान खुद ही अपना पंजीकरण कर सकते हैं। किसान अपने आधार कार्ड के हिसाब से अपने नाम को एडिट भी कर सकते हैं। इसके जरिये किसान अपने भुगतान की स्थिति को भी जांच सकते हैं।
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