महंगे पेट्रोल-डीजल से मिलेगा छुटकारा, अगले 8-10 सालों में देशभर में खोले जाएंगे 8181 CNG स्टेशन
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने भी गुयाना से अपना पहला कच्चा तेल कार्गो जुलाई 2021 में खरीदा है और यूएस ग्रेड कच्चे तेल की वैकल्पिक खरीद के लिए यूएसए के साथ आवधिक अनुबंध किया है।
नई दिल्ली। महंगे पेट्रोल-डीजल और कच्चे तेल के उत्पाद संकट को देखते हुए सरकार वैकप्पिक ईंधन सीएनजी फिलिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। सरकार की योजना उन छोटे शहरों में सीएनजी स्टेशनों को बढ़ाने की है, जहां लोग सीएनजी स्टेशनों की कमी के कारण सीएनजी वाहन खरीदने में रुचि नहीं दिखाते हैं।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा 31 मई, 2021 की स्थिति के अनुसार देश में अभी 3,179 सीएनजी स्टेशन हैं और पीएनजीआरबी ने अगले 8-10 वर्षों की अवधि में प्राधिकृत कंपनियों द्वारा स्थापित किए जाने वाले 8181 सीएनजी स्टेशनों का न्यूनतम कार्य कार्यक्रम सौंपा है।
उन्होंने कहा कि सीएनजी स्टेशनों की स्थापना नगर गैस वितरण नेटवर्क के विकास का हिस्सा है और यह कार्य पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) द्वारा प्राधिकृत की गई कंपनियों द्वारा किया जाता है। देश के 27 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में फैले 407 जिलों को कवर करते हुए सीजीडी नेटवर्क के विकास हेतु लगभग 232 भौगोलिक क्षेत्रों को प्राधिकृत किया गया है।
अमेरिका, अफ्रीका से कच्चा तेल आयात कर रहा है भारत
कच्चे तेल की आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं एक ही क्षेत्र से कच्चे तेल की निर्भरता का जोखिम कम करने के लिए तेल विपणन कंपनियां विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में स्थित देशों जैसे मध्य पूर्व, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका आदि से कच्चे तेल की खरीद कर रही हैं।
देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक तेल शोधन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने भी गुयाना से अपना पहला कच्चा तेल कार्गो जुलाई 2021 में खरीदा है और यूएस ग्रेड कच्चे तेल की वैकल्पिक खरीद के लिए यूएसए के साथ आवधिक अनुबंध किया है। इंडियन ऑयल ने यूरल्स ग्रेड कच्चा तेल प्राप्त करने के लिए रूस की राष्ट्रीय तेल कंपनी रोजनेफ्ट के साथ एक आवधिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक द्वारा कटौती लागू किए जाने से पहले भारत का मध्य पूर्व के देशों से कच्चे तेल का आयात 69.02 प्रतिशत था (128.8 एमएमटी के कुल आयात में से 88.9 मिलियन मीट्रिक टन) था, लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान मध्य पूर्व से कच्चे तेल का आयात कम होकर 63.49 प्रतिशत हो गया है (110.1 एमएमटी के कुल आयात में से 69.9 एमएमटी। )
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