नई दिल्ली। सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को गलत बताया है जिनमें कहा गया था कि स्विस बैंक में भारतीयों के पैसे में बढ़ोतरी हुई है। मंगलवार को वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में बताया कि 2016 के मुकाबले 2017 में स्विस बैंक में भारतीयों के पैसों में 35 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि मीडिया रिपोर्ट्स में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी बताई गई थी। पीयूष गोयल ने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई जानकारी भ्रामक थी और अब सरकार के पास इसके आंकड़ों की पूरी जानकारी सितंबर 2019 तक ही आएगी।
जो नए आंकड़े जारी हुए हैं उनके मुताबिक 2013 से लेकर 2017 तक यानि लगभग मौजूदा सरकार के कार्यकाल के दौरान स्विस बैंक में भारतीयों के जमा पैसों में 80 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है। बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट (BIS) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि 2013 के मुकाबले 2017 में स्विस बैंक में भारतीयों की तरफ से नॉन बैंकिंग लोन और डिपॉजिट में 80.2 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।
2013 में स्विस बैंक में भारतीयों की तरफ से नॉन बैंकिंग लोन और डिपॉजिट की कुल राशि 264.8 करोड़ डॉलर थी जो 2017 में घटकर 52.4 करोड़ डॉलर रह गई है, 2016 में यह राशि 80 करोड़ डॉलर थी। यानि 2016 के मुकाबले 2017 में यह रकम लगभग 35 प्रतिशत कम हुई है। सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक स्विस बैंक में भारतीयों का जितना काला धन होता था उसका लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा नॉन बैंकिंग लोन और डिपॉजिट के जरिए ही जमा किया जाता था।
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