नई दिल्ली। देश में तकरीबन 8-9 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां अपना सालाना रिटर्न कॉरपोरेट मंत्रालय के पास जमा नहीं करती हैं। इन कंपनियों से संभावित मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने शनिवार को यह बात कही।
प्रवर्तन निदेशालय समारोह में बोलते हुए अधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा गठित टास्क फोर्स इन कंपनियों की प्रत्येक 15 दिनों में समीक्षा कर रहा है और इन पर अपनी कड़ी निगरानी रख रहा है। उन्होंने कहा कि देश में इस समय 15 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां हैं, जिनमें से 8-9 लाख कंपनियां अपना सालाना रिटर्न कॉरपोरेल मामलों के मंत्रालय के पास जमा नहीं करवा रही हैं। इनका उपयोग संभावित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल होने का खतरा है।
उन्होंने आगे कहा कि यदि कंपनियां कॉरपोरेट मंत्रालय के साथ रजिस्टर्ड होने के बाद अपना सालाना रिटर्न फाइल नहीं करती हैं, तब इनका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के लिए संभावित स्रोत के रूप में किया जा रहा है। अधिया ने बताया कि इनमें से अधिकांश कंपनियों को नोटिस दिया गया है।
अधिया ने बताया कि उनकी सह-अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स इन कंपनियों पर अपनी कड़ी नजर रखे हुए है। उनके मुताबिक व्यापार आधारित मनी लॉन्ड्रिंग भी इन दिनों प्रमुख हो रही है, जैसा कि 6,000 करोड़ रुपए के बैंक ऑफ बड़ौदा मामले में देखा गया था।
घरेलू मुखौटा कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकार ने फरवरी में यह फैसला किया था कि इन कंपनियों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिसमें इन कंपनियों के बैंक एकाउंट फ्रीज करना भी शामिल है, जिनका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के लिए किया जा रहा है।
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