दावोस। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि उतार चढ़ाव वैश्विक नियम बन गया है। लेकिन भारत निश्चित रूप से अनुकूल वैश्विक माहौल में 8-9 फीसदी की ग्रोथ हासिल कर सकता है। विश्व आर्थिक मंच के सालाना सम्मेलन में भारत व अन्य देशों के प्रमुख उद्योगपतियों ने भी कमोबेश ऐसी ही राय रखी, लेकिन वे मानते हैं कि दुनिया में आज जो भी तूफान है वे भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेंगे। जेटली ने कहा, निश्चित रूप से दुनिया कठिन व चुनौतीपूर्ण हालात का सामना कर रही है। मुझे नहीं लगता कि हम बहुत विकट स्थितियों में जाने वाले हैं लेकिन उतार चढ़ाव आज का नियम है और कोई भी देश इससे बचा नहीं है।
जेटली ने माना निर्यात घटा
अरूण जेटली ने स्वीकार किया कि निर्यात घटा है, मुद्रा व शेयर बाजारों पर असर है। जेटली ने यहां एक परिचर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सरकार हमेशा ही इस तरह की चुनौतियों से निपटने की तैयारी करती है। उन्होंने कहा, तथ्य यह है कि हम सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं, लेकिन हम और बेहतर कर सकते हैं। अच्छे माहौल व वैश्विक हालात में हम और बेहतर कर सकते हैं। दोस्ताना वैश्विक माहौल में हम यह (8-9 फीसदी ग्रोथ हासिल) कर सकते हैं।
हमने दो खराब मानसूनों का सामना किया
जेटली ने कहा, हमने दो खराब मानसूनों का सामना किया है जबकि घरेलू और वैश्विक मुद्दों ने कुछ क्षेत्रों को प्रभावित किया है और इसका परिणाम बैंकों पर पड़ा। हम 7-7.5 फीसदी की दर से ग्रोथ कर रहे हैं। और अनुकूल माहौल में 1-1.5 फीसदी अतिरिक्त ग्रोथ हासिल करना कठिन नहीं है। उन्होंने कहा कि तेल कीमतों ने सरकार को सरकारी खर्च को पूर्वनियोजित करने में मदद की है। इस कार्यक्रम में विख्यात अर्थशास्त्री नोरियल राउबिनि ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि 2008 जैसे वैश्विक वित्तीय संकट की तत्काल कोई आशंका है, लेकिन कई मोर्चों पर जोखिम है और कई तूफान हैं।
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