Good days for Govt Employees: 7वें वेतन आयोग ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट, वेतन और भत्ते में 23.55% वृद्धि की सिफारिश
सातवें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में कुल मिलाकर 23.55 फीसदी वृद्धि करने की सिफारिश की है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए जल्द ही अच्छे दिन आने वाले हैं। सातवें वेतन आयोग ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंप दी है। सेवानिवृत्त जस्टिस एके माथुर की अध्यक्षता वाले आयोग ने अपनी रिपोर्ट में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में कुल मिलाकर 23.55 फीसदी वृद्धि करने की सिफारिश की है। वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू होंगी। इसका फायदा 47 लाख कार्यरत कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनर्स को होगा। 1 जनवरी 2016 से वेतन में संभावित वृद्धि के चलते देश के रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर में मांग बढ़ने की भी उम्मीद जाग गई है।
सातवें वेतन आयोग ने मूल वेतन में 16 फीसदी, भत्तों में 63 फीसदी और पेंशन में 24 फीसदी बढ़ोत्तरी करने की सिफारिश सरकार से की है। इसके अलावा आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपए करने की भी सिफारिश की है, जो वर्तमान में 8000 रुपए है। साथ ही अधिकतम मासिक वेतन 2.25 लाख रुपए करने की भी सिफारिश इस रिपोर्ट में की गई है। आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों को तीन फीसदी वार्षिक इंक्रीमेंट की भी सिफारिश की है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से वित्त वर्ष 2016-17 में सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। आयोग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ ही साथ सशस्त्र बलों के लिए वन रैंक वन पेंशन की भी सिफारिश की है।
इससे पहले छठवां वेतन आयोग एक जनवरी, 2006 से लागू हुआ था। सातवें वेतन आयोग में चेयरमैन के अलावा अन्य सदस्यों में 1978 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विवेक राय, अर्थशास्त्री रथिन राय शामिल हैं। मीना अग्रवाल आयोग की सचिव हैं। केंद्र सरकार प्रत्येक 10 साल बाद अपने कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन के लिए वेतन आयोग का गठन करती है। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है।
सातवें वेतन आयोग की मुख्य सिफारिशें
- वेतन और भत्तों में कुल मिलाकर 23.55 प्रतिशत की बढ़ोतरी
- सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू की जाएंगी
- केंद्रीय सेवाओं में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए और अधिकतम वेतन 2.25 लाख रुपए प्रति माह होगा
- वेतन में वार्षिक वृद्धि तीन फीसदी बरकरार
- पेंशन में 24 फीसदी की वृद्धि की सिफारिश
- सैन्य बलों की तर्ज पर सरकारी कर्मचारियों के लिए भी समान रैंक, समान पेंशन की सिफारिश
- ग्रैच्युटी की सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए, जब कभी महंगाई भत्ता 50 फीसदी तक बढ़ेगा, ग्रैच्युटी की सीमा में 25 फीसदी की वृद्धि की जाएगी
- कैबिनेट सचिव को ढाई लाख रुपए प्रति माह का वेतन की सिफारिश, जो इस समय 90,000 रुपए है
- सिफारिशें जस की तस लागू करने पर 1.02 लाख करोड़ रपये का अतिरिक्त बोझ आएगा, जिसमें 73,650 करोड़ रुपए केंद्रीय बजट और 28,450 करोड़ रुपए रेल बजट में डालना होगा।
- वेतन-भत्ते पर सरकार के खर्च में जीडीपी के 0.65 फीसदी से 0.7 फीसदी तक की वृद्धि का अनुमान
- सैन्य सेवाओं के विभिन्न पहलुओं के मद्देनजर क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाने वाली मिलिट्री सर्विस पे केवल रक्षा बलों के कर्मचारियों के लिए सैन्य अधिकारियों के लिए एमएसपी 6,000 रुपए से बढ़ाकर 15,500 रुपए प्रति माह करने की सिफारिश
- नर्सिंग सेवा के अधिकारियों के लिए एमएसपी 4,200 रुपए से बढ़ाकर 10,800 रुपए और जेसीओ-ओआर के लिए 2,000 रुपए से बढ़ाकर 5,200 रुपए और युद्ध क्षेत्र के इतर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एमएसपी 1,000 रुपए से बढ़ाकर 3,600 रुपए प्रति माह करने की सिफारिश।
- शॉर्ट सर्विस कमीशंड के अधिकारियों को 7 से 10 साल के बीच नौकरी छोड़ने की अनुमति देने की सिफारिश
- आयोग ने 52 तरह के भत्तों को खत्म करने, अन्य 36 को मौजूदा भत्तों में समाहित करने की सिफारिश की है।