7th pay commission : केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, मोदी सरकार ने 7वें वेतन आयोग के तहत पेंशन में किए बदलाव
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खबर है। केंद्र सरकार के रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार ने पेंशन के अंदर सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत बदलावों को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खबर है। केंद्र सरकार के रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार ने पेंशन के अंदर सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत बदलावों को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कर्मचारियों को अब 7वें वेतन आयोग के तहत पेंशन का लाभ दिया जाएगा। साथ ही इसमें अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्य और केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी भी शामिल होंगे।
30 लाख से ज्यादा कर्मचारी और पेंशनभोगी होंगे लाभान्वित
केंद्र सरकार ने 30 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनधारियों को पेंशन और रिटायरमेंट बेनिफिट यानी सेवानिवृत्ति लाभ देने को लेकर असमंजस को दूर कर दिया है। केंद्र सरकार के निर्णय के अनुसार, ताजा फैसले का लाभ उन कर्मचारियों और पेंशनधारियों को मिलेगा, जो 1 जनवरी 2016 से पहले सेवानिवृत्त हुए हैं। इस फैसले से सेना और अर्द्धसैनिक बलों में कार्यरत कर्मचारियों को भी बड़ी राहत मिलेगी। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने से अब इन कर्मियों के मासिक पेंशन में अच्छी खासी बढ़ोतरी हो जाएगी। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर लिए गए ताजा फैसले से न सिर्फ केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत कर्मचारियों व पेंशनधारियों को लाभ मिलेगा, बल्कि अखिल भारतीय सेवा (एआईएस) के तहत सरकारी नौकरी पाने वालों को भी फायदा पहुंचेगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार समेत कई राज्यों की सरकारों ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सेवा में जहां इस आयोग की सिफारिशें पूरी तरह से लागू हो चुकी हैं, वहीं राज्यों में बारी-बारी से विभिन्न सेवाओं में सिफारिशों को लागू किया जा रहा है।
अब न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये प्रति माह होगा
बता दें कि सातवें वेतन आयोग के तहत केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए करने की सिफारिश की गई है। पहले न्यूनतम वेतन 7 हजार रुपए था, यानी कि नए वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों की मासिक सैलरी में दोगुने से ज्यादा का इजाफा हुआ है। फिलहाल केंद्र सरकार के कर्मचारियों के न्यूनतम मूल वेतन 7,000 से बढ़कर 18,000 रुपये प्रति माह हो गया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्र सरकार की सेवा से रिटायर पेंशनधारियों के लिए भी लागू की गई हैं, इसके तहत पेंशन राशि में 2.57 गुना की बढ़ोतरी की गई है।
हालांकि वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 रुपये है और उन्होंने 8000 रुपये वेतन वृद्धि की मांग की है, जिसके बाद यह बढ़कर 26000 रुपये हो जाएगा। 7वें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने बताया कि पांचवें वेतन आयोग के तहत जहां न्यूनतम पेंशन राशि 1275 रुपए तय की गई थी, वहीं सातवें वेतन आयोग ने इसमें दोगुने से ज्यादा की बढ़ोतरी की सिफारिश की है। इसके तहत सातवें वेतन आयोग ने केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन की राशि 3500 रुपए निर्धारित की है।
हालांकि गौरतलब है कि 31 दिसंबर 2003 को या इससे पहले केंद्र सरकार की सेवा में आए कर्मचारियों को ही पेंशन के लिए पात्र माना जाता है। इसमें शर्त यह भी है कि कर्मचारी को न्यूनतम 10 साल की सेवा की अवधि पूरी करनी होगी। रिपोर्ट के अनुसार, 2006 के पूर्व पेंशनर की सामान्य संशोधित समेकित पेंशन पूर्व-संशोधित मूल पेंशन का 2.26 है। साथ ही 3,500 रुपये की संशोधित न्यूनतम पेंशन 1,275 रुपये की पूर्व-संशोधित पेंशन के 2.26 गुना से बहुत अधिक है।
न्यूनतम वेतन, फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की उम्मीदें भी जल्द हो सकती है पूरी
7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के चलते न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों की उम्मीदें भी जल्द ही पूरी हो सकती हैं क्योंकि रेलवे ट्रेड यूनियन ने इसे चुनावी मुद्दा बनाने का फैसला किया है। ट्रेड यूनियन चुनावों में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे मांगें चुनाव का मुख्य एजेंडा और सभी उम्मीदवारों की प्राथमिकता सूची में शामिल होगा। इसके साथ ही 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से पार 3.68 गुना तक फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं।