नई दिल्ली। महाराष्ट्र, मणिपुर और पांच संघ शासित प्रदेशों में राज्य के अंदर ई-वे बिल प्रणाली शुक्रवार से लागू होने जा रही है। राज्य के भीतर 50,000 रुपए से अधिक के सामान की आवाजाही के लिए ई-वे बिल जरूरी होगा। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके साथ ही अब राज्य के भीतर वस्तुओं की आवाजाही के लिए ई-वे बिल प्रणाली 27 राज्यों - संघ शासित प्रदेशों में लागू हो जाएगी। कल से जिन संघ शासित प्रदेशों में यह प्रणाली लागू होने जा रही है उनमें चंडीगढ़, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, दादर एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव और लक्षद्वीप शामिल हैं।
सरकार ने एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच 50,000 रुपए से अधिक के सामान की आवाजाही के लिए एक अप्रैल से इलेक्ट्रॉनिक वे बिल प्रणाली लागू की थी। राज्य के भीतर यही व्यवस्था 15 अप्रैल से लागू की गई थी। मंत्रालय ने कहा कि औसतन प्रतिदिन 12 लाख ई-वे बिल निकाले जा रहे हैं।
ई-वे बिल को कर चोरी से बचाव के रूप में देखा जा रहा है। 50,000 रुपए से अधिक का माल ले जा रहे ट्रांसपोर्टर को जीएसटी निरीक्षक के मांगने पर ई-वे बिल दिखाना होता है। माना जा रहा है कि इस कदम से कर संग्रहण को प्रोत्साहन मिलेगा।
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