नई दिल्ली। रेल यात्रियों को यात्रा से जुड़ी सुविधाएं ऑफर करने वाले प्लेटफॉर्म रेल यात्री ने यात्रियों की जानकारियों के लीक होने को लेकर सामने आ रहे दावों को गलत बताया है। हालांकि कंपनी ने इस बात से इनकार नहीं किया है कि उसके सर्वर में सेंध लगाई गई है। न ही ये जानकारी दी है कि कौन सी जानकारियों तक हैकर्स ने पहुंच बनाई है। एक सिक्योरिटी फर्म के हवाले से जानकारी आई कि रेलयात्री ने असुरक्षित सर्वर पर अपने यूजर की जानकारी जमा की हुई थी, जरूरी सुरक्षा न होने पर हैकर्स ने सर्वर से 7 लाख यूजर की जानकारियां चुरा ली हैं इसमें बुकिंग करने वालों की लोकेशन, यूपीआई आईडी, पेमेंट लॉगइन, बस बुकिंग, ई-मेल एड्रेस, नाम और कॉन्टैक्ट नंबर शामिल हैं। इसके साथ ही यूजर क्रेडिट और डेबिट कार्ड से जुड़ी जानकारी भी लीक हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक लीक हुए डाटा का साइज करीब 43 जीबी है। सिक्योरिटी फर्म ने आरोप लगाया है कि डाटा अनएंक्रिप्टेड औऱ बिना पासवर्ड वाले सर्वर पर था।
खबर सामने आने के बाद रेलयात्री ने अपनी सफाई में नुकसान के दावों को गलत बताया है। रेलयात्री ने कहा कि एक हफ्ते पहले इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT) ने ऐसी जानकारी हमारे सामने रखी थी जिसके बाद ही हमारी टीम मामले को सुलझाने में लग गई। जिस सर्वर को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं वो एक टेस्टिंग सर्वर है जिसे बंद कर दिया गया है। कंपनी के मुताबिक एक आम नियम के तहत 24 घंटे बाद सभी तरह की जानकारियां सर्वर से मिटा दी जाती हैं। ऐसे में कंपनी साफ करना चाहती है कि 7 लाख ई-मेल एड्रेस की जानकारी लीक होने की खबर गलत है क्योंकि सर्वर ज्यादा से ज्यादा एक दिन का डाटा ही रखता है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में जानकारी लीक होना असंभव है। वहीं रेल यात्री ने कहा कि वो अपने यूजर को आश्वस्त करना चाहते हैं कि रेल यात्री किसी भी यूजर की कुछ आम जानकारियां छोड़कर किसी भी तरह की वित्तीय और अन्य संवेदनशील जानकारियां, क्रेडिट कार्ड के डिटेल आदि अपने सर्वर में नहीं ऱखते।
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