नई दिल्ली। देश में आयकरदाताओं की संख्या में इजाफा लाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कमर कस कर तैयार है। डिपार्टमेंट ने देश भर के 65 लाख ऐसे लोगों को अपने रडार पर लिया है। जिन्हों ने नोटबंदी के दौरान बैंक में 10 लाख से ज्यादा के पुराने नोअ तो जमा किए लेकिन अभी भी टैक्स अदा करने से बच रहे हैं। विभाग ऐसे लोगों पर नजरें गड़ाए है और बड़ी कार्रवाई कर सकती है। इससे सरकार को उम्मीद है कि लोग कार्रवाई के डर से भी इनकम टैक्स के दायरे में खुद को शामिल कर लेंगे।
वैसे बता दें कि नोटबंदी के बाद से डिपार्टमेंट की कोशिशों के चलते सरकार को इनकम टैक्स के मोर्चे पर काफी अच्छी सफलता मिली है। 2017-18 में सरकार को टैक्स से 1.5 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय हुई है। साथ ही टैक्स अदा करने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। इस साल सरकार को उम्मीद है कि टैक्सपेयर बेस बढ़कर 9.3 करोड़ से ज्यादा होगा।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से प्राप्त जानकारी के मुताबिक टैक्स दायरे से बचने वाले लोगों को सरकार नॉन-फाइलर्स मैनेजमेंट सिस्टम (एनएमएस) के माध्यम से अपने रडार पर लेगी। टैक्स डिपार्टमेंट एनएमएस का इस्तेमाल पिछले कुछ वर्षों से कर रहा है। इसकी मदद से डिपार्टमेंट को टैक्सपेयर बेस बढ़ाने में सफलता मिली है। खासतौर पर इसकी मदद से उनलोगों को टारगेट किया जाएगा जिन लोगों ने पुराने 500 या 1,000 रुपये के 10 लाख रुपए से ज्यादा पैसे जमा किए हैं लेकिन अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है। इस कैटिगरी के 3 लाख से ज्यादा लोग हैं जिनमें से 2.1 लाख ने अपना रिटर्न फाइल किया है और सेल्फ असेसमेंट टैक्स के रूप में करीब 6,5000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
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