नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संबंधी संविधान संशोधन संसद के मौजूदा मानसून सत्र में पारित होने की संभावना है। यह बात जापान की वित्तीय सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी नोमुरा ने कही। नोमुरा के मुताबिक जीएसटी पारित होने की समयसीमा 12 अगस्त तक है और इसके पारित होने की 60 प्रतिशत संभावना है।
सरकार के पास 12 अगस्त तक का समय
नोमुरा ने एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा, हमारा मानना है कि जीएसटी संबंधी संविधान संशोधन के मौजूदा मानसून सत्र (18 जुलाई से 12 अगस्त) पारित होने की मजबूत संभावना है। जीएसटी विधेयक पारित होने पर देश के 29 राज्य नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के जरिए एक बाजार में तब्दील हो जाएंगे। नोमुरा ने कहा, रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी का अल्पकालिक स्तर पर मिला-जुला असर होगा क्योंकि इससे अस्थाई तौर पर वृद्धि घट सकती है, मुद्रास्फीति बढ़ सकती है और राज्य का कर संग्रह प्रभावित हो सकता है। हमारा मानना है कि मध्यम अवधि असर निश्चित तौर पर सकारात्मक होगा।
केन्द्र और राज्यों के बीच बात आगे बढ़ी
जीएसटी पर केन्द्र और राज्यों के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात आगे बढ़ी है। दोनों पक्षों में इस सिद्धांत पर सहमति बनी है कि जीएसटी दर मौजूदा स्तर से कम रहनी चाहिये और मोटे तौर पर यह सहमति भी उभरी है कि जीएसटी दर का उल्लेख संविधान संशोधन विधेयक में नहीं किया जाएगा। वित्त मंत्री अरूण जेटली के आह्वान पर बुलाई गई राज्यों के वित्त मंत्रियों की प्राधिकृत समिति की आज हुई बैठक में यह सहमति बनी है।
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